आखिर क्यों गऊ घाट के पौराणिक महत्व के साथ किया जा रहा है खिलवाड़ II AJMER

आखिर क्यों गऊ घाट के पौराणिक महत्व के साथ किया जा रहा है खिलवाड़ II AJMER

आखिर क्यों गऊ घाट के पौराणिक महत्व के साथ किया जा रहा है खिलवाड़ II AJMER NEWS II NEWS UPDATE II PUSHKAR NEWSपुष्कर सरोवर के 52 घाटों का धार्मिक महत्व एक ही है लेकिन आजादी के पहले से ही गांधी परिवार सहित दूसरे नेता और अधिकारी पवित्र सरोवर के गऊ घाट पर ही पूजा अर्चना करते आये है। लेकिन कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए ब्रह्म घाट पर ही पूजा अर्चना का कार्यक्रम रखा गया है। पुष्कर मेले के दौरान रोज हजारो श्रदालु मुख्य गऊ घाट पर ही आस्था की डुबकी लगाते है। लेकिन घाट के बाहर और अंदर जो हालात है, शायद इसी कारण प्रशासन भी नही चाहता कि मुख्यमंत्री घाट की अव्यवस्थाओं से रूबरू हो। वहीं हाल ही में, जो ब्रह्मा मंदिर अस्थाई समिति ने मंदिर में श्रदालुओ के दान से आई राशि से धौलपुरी पत्थरो की जो सड़क बनाई गई, वो भी निर्माण के समय ही टूट गयी। वहीं यदि मेले में श्रदालुओ की भीड़ ज्यादा हुई तो भगदड़ मच सकती है। वहीं घाट पुरोहितों की संस्था तीर्थ पुरोहित संघ ट्रस्ट भी उपेक्षा का शिकार है। जानकारी के अनुसार प्रशासन के लिए गऊ घाट की अपेक्षा ब्रह्म घाट पर मुख्यमंत्री के काफिले को लाना और वापस निकालना ज्यादा आसान है, इसलिये प्रशासन ने अपनी सहूलियत को देखते हुए पुरानी परंपरा को तोड़कर नई परंपरा बना रहा है। वहीं प्रशासन कुछ भी सोचे लेकिन पुरोहितों और स्थानीय लोगो का मानना है कि, यदि मुख्यमंत्री गऊ घाट आये तो शायद वहां के हालातो को देखकर प्रशासन को लताड़ लग सकती है, इसलिए प्रशासन मुख्यमंत्री को फील गुड कराने के लिए ऐसा कर रहा है।