1500 आदिवासियों की शहीद स्थली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
1500 आदिवासियों की शहीद स्थली पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी
1500 आदिवासियों की शहीद स्थली मानगढ़ धाम पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि मेरे लिए खुशी की बात है कि मुझे फिर से यहां आने का मौका मिला.
उन्होंने अशोक गहलोत के लिए बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के नाते हम दोनों को साथ-साथ काम करने का मौका मिला है. उस समय मुख्यमंत्रियों में गहलोत जी सबसे सीनियर हुआ करते थे. आज के कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री गहलोत सबसे सीनियर हैं.
उन्होंने कहा कि परसों गोविंद गुरुजी की पुण्यतिथि थी, मैं उनको नमन करता हूं. मानगढ़ धाम आना सबके लिए प्रेरणा है, त्याग-तपस्या का प्रतिबिंब है. पीएम ने कहा कि मुझे मानगढ़ की पवित्र धरती पर सिर झुकाने का मौका मिला है. वे एक समाज सुधारक थे, वो आध्यात्म गुरु भी थे. हम आदिवासी समाज के योगदानों के कर्जदार हैं. भारत के चरित्र को सहेजने वाला आदिवासी समाज ही है. हालांकि उन्होंने इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाने की घोषणा नहीं की. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने शहीद स्मारक का दौरा कर आदिवासियों को श्रृद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम आदिवासी समाज के बलिदानों के ऋणी हैं. प्रकृति से लेकर पर्यावरण तक, संस्कृति से लेकर परंपराओं तक को सहेजा है. आज समय है कि देश इस ऋण के लिए, इस योगदान के लिए, आदिवासी समाज की सेवा कर उनका धन्यवाद करें. मोदी ने कहा कि मानगढ़ धाम को भव्य बनाने की इच्छा सबकी है. मप्र, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र आपस में चर्चा कर एक विस्तृत प्लान तैयार करें और मानगढ़ धाम के विकास की रूपरेखा तैयार करें. चार राज्य और भारत सरकार मिलकर इसे नई ऊंचाईयों पर ले जाएंगे. नाम भले ही राष्ट्रीय स्मारक दे देंगे या कोई और नाम दे देंगे.
इससे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि मानगढ़ धाम के इतिहास को स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया है. उन्होंने कहा कि मानगढ़ धाम पर प्रधानमंत्री पधारे, मैं प्रदेश वासियों की तरफ से उनका स्वागत करता हूं. उन्होंने कहा कि आदिवासियों का इतिहास महान इतिहास है. जितना खोज की जाए, उतनी ही नई कहानियां मिलेंगी. जहां-जहां आदिवासी रहते हैं, चाहे बिरसा मुंडा की बात करें, हर जगह आजादी की जंग में आदिवासियों का बड़ा योगदान था. महाराणा प्रताप का शौर्य मेवाड़ की पहचान है. हमने पीएम मोदी से अपील की है कि इसे राष्ट्रीय स्मारक बनाया घोषित किया जाए. आदिवासी समाज आजादी की जंग लड़ने के मामले में किसी से पीछे नहीं था. गहलोत ने कहा कि प्रधानमंत्री दुनिया के कई देश में जाते है तो बेहद सम्मान मिलता है और सम्मान क्यों मिलता है? क्योंकि नरेंद्र मोदी जी उस देश के प्रधानमंत्री है जो गांधी का देश है, जहां लोकतंत्र की जड़े मज़बूत है.