25 हजार किमी प्रति घंटे की गति से धरती की ओर बढ़ रहा विशाल पत्थर!

25 हजार किमी प्रति घंटे की गति से धरती की ओर बढ़ रहा विशाल पत्थर!

अंतरिक्ष से जुड़े ऐसे कई पहलु हैं जो भले ही इंसानों से अछूते हैं, पर कभी न कभी उनके जरिए इंसानों पर भी संकट आ जाता है. वैज्ञानिक भी आए दिन अंतरिक्ष से जुड़ी अजीबोगरीब बातों का खुलासा करते रहते हैं.

कभी एलियन तो कभी कुछ और. अब जिस बारे में वैज्ञानिकों ने बताया उसके बारे में जानकर आपको जरूर लग जाएगा, वैज्ञानिकों ने भी इसके लिए चेतावनी दी है, हालांकि, उनका कहना है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है. वैज्ञानिकों ने बताया है कि एक बेहद विशाल पत्थर (Asteroid approach Earth) धरती की ओर बढ़ रहा है और वो बेहद नजदीक से होकर गुजरेगा.

द सन वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने जानकारी दी है कि इस महीने के अंत में 656 फीट चौड़ा एक पत्थर, धरती के बेहद नजदीक से गुजरेगा. इस स्पेस रॉक का नाम 2023 सीएल3 (CL3 asteroid close approach to Earth in May) रखा गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, नासा ने इस पत्थर को धरती के नजदीक से गुजरने वाले एस्टेरॉयड्स की श्रेणी में डाला है. दरअसल, जब भी किसी स्पेस रॉक से धरती को खतरा लगता है, नासा उसे इस लिस्ट में शामिल कर देता है और उसे लगातार ट्रैक कर, उसपर शोध करता है.

इसी महीने के अंत में नजदीक से गुजरेगा पत्थर

नासा ने इस पत्थर को संभावतः खतरनाक बताया है. हालांकि, इससे फिलहाल कोई खतरा नहीं है. 25 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धरती की ओर बढ़ने वाला ये पत्थर 24 मई को धरती के बिल्कुल नजदीक से गुजरेगा. उस वक्त इसकी दूरी धरती से सिर्फ 72 लाख कीलोमीटर होगी. आपको लग रहा होगा कि ये तो बहुत ही ज्यादा दूरी है, तो फिर डरने की क्या जरूरत है. दरअसल, अंतरिक्ष में इतनी दूरी कम ही मानी जाती है. ये पत्थर धरती से तो नहीं टकराएगा, पर नासा का मानना है कि अंतरिक्ष में कभी भी कुछ भी हो सकता है, और ऐसी चीजों का मार्ग भी बदल जाता है.

धरती के पास नहीं है बचने का तरीका!

पत्थर से फिलहाल इंसानों को डरने की जरूरत तो नहीं है, पर नासा ने अंदाजा लगाया कि इतना बड़ा पत्थर, इतनी रफ्तार से अगर धरती से सही में टकराता, तो इंसानों पर बहुत बड़ा संकट आ सकता था. कई जानकारों का कहना है कि धरती अभी, इतने बड़े पत्थरों से लड़ने के लिए तैयार नहीं है. वो अपना बचाव नहीं कर पाएगी. इसलिए नासा, डिफेंस मेकैनिज्म तैयार करने में लगी है, जिससे भविष्य में कभी अगर ऐसे पत्थर धरती से टकराएं, तो उनसे बचा जा सके.