सतीश पूनिया ने कांग्रेस के खिलाफ किया जीत का आह्वान
सतीश पूनिया ने कांग्रेस के खिलाफ किया जीत का आह्वान
झुंझुनूं में पहली बार हुई बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मिशन 2023 के लिए कार्यकर्ताओं से कांग्रेस के खिलाफ युद्ध का आह्वान करते हुए कहा कि राजनीति का यह युद्ध सिर्फ और सिर्फ जीत के लिए लड़ा जाना चाहिए.
अध्यक्षीय उद्बोधन में पूनिया ने कहा कि वीरों और परिश्रमी किसानों की ज़मीन पर मैं आपका ह्रदय से आत्मिक अभिनंदन करता हूं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस जोड़ने का पाखंड करते हैं जबकि हम, हमारे नेता, हमारा संगठन और हमारा विचार वास्तविक रूप से जोड़ने का काम करते हैं इसलिए झुंझनु की इस पुरुषार्थी धरती पर हम लोग आए हैं.
उन्होंने कहा कि 2023 में हमेशा के लिए राजस्थान में बीजेपी की विजय का आगाज कार्यकर्ताओं के परिश्रम से होगा, क्योंकि बीजेपी का प्रत्येक कार्यकर्ता एक योद्धा बनकर प्रदेश की अराजक कांग्रेस सरकार से लड़ रहा है. पूनिया ने कहा कि इस संघर्ष में वे खुद भी निमित्त और कारक बनकर बीजेपी की विजयश्री का एक छोटा सा कण बनें यही उनकी इच्छा है.
पूनिया ने कहा कि प्रदेश का जन, गण, मन अब नयी भूमिका की प्रतीक्षा कर रहा है. आज हमारे सामने सबसे गंभीर परीक्षा है. पिछले चार वर्षों में व्याप्त अराजकता, भ्रष्टाचार और अकर्मण्यता आकंठ निमग्न कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को गहरी निराशा और जनसामान्य को आक्रोश से भर दिया है. उन्होंने कहा कि किसकी बात करें? किसानों के कर्जे की? माफी की, कमजोर हो चुकी कानून-व्यवस्था की, बेतहाशा बढ़ रही बेरोजगारी की, निरंकुश हो चुके भ्रष्टाचार की? पूनिया ने कहा कि महिलाएं असुरक्षित हैं और वंचित लोग बेबस हैं. उन्होंने कहा कि, हमारा लोकधर्म कहता है, हमें युद्ध करना है- इस भ्रष्टाचार से. हमें संघर्ष करना है- इस अकर्मण्यता से. हमें विद्रोह करना है- इस अराजकता से.
योजनाएं लाना लोकतंत्र में हर राजनीतिक दल का दायित्व
पूनिया ने कहा कि घोषणाएं करना और योजनाएं लाना लोकतंत्र में हर राजनीतिक दल का दायित्व है. राजधर्म कहता है कि ये घोषणाएं खोखली न होकर पूरी हों. राजधर्म कहता है कि ये जनहित के लिए हों, राजहित के लिए नहीं. और यह वर्तमान कांग्रेस सरकार की व्यवस्था की सबसे गंभीर त्रासदी है कि वह दोनों ही में और दोनों ही से बस स्वार्थ साध रहा है.
कांग्रेस सरकार ने किए भ्रष्टाचार
कांग्रेस सरकार ने जितने बड़े उद्घोष के साथ योजनाएं लागू कीं, उससे भी बड़े स्वार्थ के साथ भ्रष्टाचार किया. इन्होंने मुख्यमंत्री चिरंजीवी बीमा योजना में भ्रष्टाचार किया, मिड-डे मील योजना में भ्रष्टाचार किया, आँगनबाड़ियों के पोषाहार में योजना में भ्रष्टाचार किया. सड़क, नगर, ग्राम, जल, जीवन, स्वास्थ्य, शिक्षा, ऊर्जा सबमें कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार के कारोबार में संलग्न हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य की वर्तमान कांग्रेस सरकार अपने ही अंतर्विरोधों में डूबी हुई है. वह आकंठ भ्रष्टाचार में आबद्ध है, वह अंतर्कलह से ग्रस्त है. प्रदेश ने ऐसा दुर्बल नेतृत्व कभी नहीं देखा, जिसके हर एक अंग अब उस ढंग से काम करने में निरत हैं कि जाते-जाते जो भी मिल सके, वह ले जा सके.
जनमानस दुर्बल नेतृत्व और चरित्र स्वीकार नहीं कर सकता
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र सब कुछ स्वीकार कर सकता है, इस तरह का व्यापक स्वार्थपूर्ण शासन स्वीकार नहीं कर सकता. जनमानस सब कुछ स्वीकार कर सकता है, परंतु अपने शासक का दुर्बल नेतृत्व और चरित्र स्वीकार नहीं कर सकता. प्रजातंत्र यह स्वीकार ही नहीं कर सकता कि सत्ता बस अपना चारा लूटने में लगी रहे और वह बेचारगी से सब कुछ देखती रहे. पूनिया ने कहा कि एक विवश नेतृत्व से कभी अपने बेहतर भविष्य की कल्पना कर ही नहीं सकता. जो नेतृत्व स्वयं दुर्बल हो चुका हो, जिससे जनमानस आशाहीन हो चुका हो, वह शासन स्वतः विघटित होने को अभिशप्त है. उन्होंने कहा कि बीजेपी आज उस जगह पर खड़ी है, जहां जनमानस अपना संपूर्ण विश्वास समर्पित कर रहा है. जनमानस ने अपने विश्वास के साथ अपनी आशाएं हमें सौंपी हैं. वह हममें अपना वर्तमान ही नहीं, अपना भविष्य भी देखती है.
हर उम्मीदवार जनता की उम्मीदों का एक सारथी है. उन्होंने कहा कि समय की अपनी चुनौती रही है. हमारे दो वर्ष तो कोरोना से लड़ने की चुनौतियों में ही बीते, लेकिन इस बात का भी गौरव है कि मैं एक ऐसे राजनीतिक परिवार का नेतृत्व कर रहा हूं, जो स्वभाव और संस्कार से सेवाभावी है. उन्होंने कहा कि हमारे पास आज श्रेष्ठ जन द्वारा निर्धारित आदर्श पथ है. हमारे सौभाग्य की बात है की यह कार्यसमिति बैठक राजस्थान के अजातशत्रु बाबोसा स्वर्गीय भैरोसिंह शेखावत के जयंती वर्ष में हो रही है.
पूनिया ने संतोष जताते हुए कहा कि आज राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं की परंपरा का निर्वहन करते हुए गतिमान है. हमने संगठन के कार्यों के उत्तरोत्तर विस्तार हेतु "सर्वस्पर्शी एवं सर्वव्यापी" भावनाओं को मुखर किया, उसे रचनात्मक आंदोलन का रूप दिया. यही कारण है कि आज संगठन 48 हजार बूथों तक गठित होकर धरातल पर बहुआयामी गतिविधियाँ संचालित कर रहा है. पार्टी का विधायक दल सदन में और सड़क पर तथा पार्टी का संगठन मंडलों और ज़िलों में बहुविध गतिविधियों के ज़रिए जनता की मुखर आवाज़ बना है. पार्टी के सभी सांसदों के समर्पित प्रयासों से केंद्र की मोदी सरकार की लोककल्याणकारी नीतियों से जनहित के प्रयासों को गति मिली है. जनसेवा और लोक कल्याण सदा से राजनीति के अभिन्न अंग और आदर्श माने जाते रहे हैं.