रेलवे ट्रैक ब्लास्ट की साजिश ने खड़े किए कई सवाल

लेकसिटी उदयपुर में एक तरफ जी-20 शेरपा बैठक को लेकर जोर-शोर से तैयारियां की जा रही है. वहीं दूसरी ओर एक दिन पहले रविवार को उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक (Ahmedabad-Udaipur railway track blast case) को उड़ाने की कोशिश की गई. इस रेलवे ट्रैक का महज 13 दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकार्पण किया था. ऐसे में इस साजिश (Conspiracy) ने कई अनसुलझे सवाल खड़े कर दिए हैं. हालांकि रेलवे कर्मचारियों ने दिन रात मेहनत करके इस रेलवे ट्रैक को दोबारा से दुरुस्त कर दिया है. उसके बाद सोमवार को सुबह 9:20 बजे इस रेलवे ट्रैक से मालगाड़ी को निकाला गया. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच राजस्थान पुलिस, एनआईए और एटीएस की ओर से जा रही है. इस रेलवे ट्रैक के सबसे बड़े पुल पर हुई इस घटना से सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर आ गई हैं. स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रेलवे ट्रैक पर धमाका इतने जोर से हुआ था कि उसकी आवाज काफी दूरी तक सुनाई दी थी. इससे एकबारगी हड़कंप मच गया था. बाद में इसकी जानकारी मिलते ही रेलवे प्रबंधन और पुलिस मौके पर पहुंच गई थी. घटना के प्रत्येक पहलू को गंभीरता से देखा जा रहा है इस पूरे मामले की राजस्थान पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है. घटना के प्रत्येक पहलू को गंभीरता से देखा जा रहा है. इस घटना के बाद एटीएस की भी टीम मौके पर पहुंची है. वहीं उदयपुर पुलिस ने एफएसएल की टीम को भी मौके पर बुलाया है. सूत्रों की मानें तो अहमदाबाद-उदयुपर के इस रेलवे ट्रैक को उड़ाने के लिए करीब 3 किलो डायनामाइट का इस्तेमाल किया गया था. लेकिन इसके पीछे किसका हाथ इसका अभी तक खुलासा नहीं हो पाया है. इस बीच जांच टीम के सामने यह बात भी आई है कि ब्‍लास्‍ट करने वालों का उद्देश्य चोरी नहीं था बल्कि और कोई साजिश थी. रात साढ़े तीन बजे ठीक कर दिया गया रेवले ट्रैक उल्लेखनीय है कि उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे ट्रैक पर ओडा पुलिया के पास इसे उड़ाने की कोशिश की गई थी. इसके कारण यह रेलवे ट्रैक यहां बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था. उसके रविवार रात को उसे पूरी तरह से ठीक कर दिया गया था. उत्तर पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ कैप्टन शशि किरण के अनुसार ट्रैक को रात साढ़े तीन बजे ठीक कर दिया गया था. उसके बाद वहां से रेलवे इंजन का ट्रायल रन भी किया जा चुका है.

रेलवे ट्रैक ब्लास्ट की साजिश ने खड़े किए कई सवाल