जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छे संस्कार तथा अनुशासन बहुत आवश्यक है- श्री 108 वृषभानन्द जी मुनिराज

जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छे संस्कार तथा अनुशासन बहुत आवश्यक है- श्री 108 वृषभानन्द जी मुनिराज
जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छे संस्कार तथा अनुशासन बहुत आवश्यक है- श्री 108 वृषभानन्द जी मुनिराज

जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छे संस्कार तथा अनुशासन बहुत आवश्यक है- श्री 108 वृषभानन्द जी मुनिराज
श्री 1008 माज्जिनेन्द्र सहस्रनाम महाअर्चना एवं विश्व शांति महायज्ञ व भव्य रथयात्रा को लेकर की जा रही है तैयारियॉं  

 - मूलनायक 16 वें तीर्थंकर प्रभु श्री 1008 शांतिनाथ स्वामी के जन्म तप व मोक्ष कल्याणक के पावन अवसर पर श्री 1008 जिनसहस्रनाम महामंडल विधान महोत्सव दिनांक 01 जून शनिवार से 05 जून बुधवार तक एवं दिनांक 05 जून बुधवार को विश्व शांति महायज्ञ व भव्य रथयात्रा का आयोजन श्री जिनशासन तीर्थक्षेत्र नाकामदार अजमेर में परम पूज्य आचार्य श्री 108 वसुनंदीजी महाराज के सुयोग्य शिष्य परम पूज्य उपाध्याय श्री 108 वृषभानंद जी मुनिराज, पूज्य मुनि श्री सदानंद जी मुनिराज एवं क्षुल्लक श्री पूर्णानंद जी महाराज के पावन सानिध्य में आयोजित किया जायेगा।
यह जानकारी देते हुए मंत्री विनीत कुमार जैन ने बताया कि आज श्री जिनषासन तीर्थ क्षेत्र जैन नगर में मंगलाचरण सुनीता ढिलवारी एवं आचार्य विद्यानन्द जी एवं आचार्य वसुनन्दी जी मुनिराज के चित्र के समक्ष दीप प्रजज्वलन एवं चित्र अनावरण जयचन्द दीपचन्द जैन पॉण्डया परिवार के द्वारा किया गया।
इसी क्रम में धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए उपाध्याय श्री 108 वृषभानन्द जी मुनिराज ने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए अच्छे संस्कार तथा अनुशासन बहुत आवश्यक है। उसके लिए हर कार्य चाहे वह पढ़ाई का हो, खेल, अथवा अन्य कार्य हों उसमें एक निश्चित समय अवधि का होना बहुत आवश्यक है। उसके लिए हमें अपने गुरु तथा माता-पिता बड़ों का सम्मान करना आवश्यक है। साथ ही हमें अपनी सोच को सकारात्मक रखना आवश्यक है। तभी हम समाज में आगे बढ़ सकते हैं और देश की तरक्की में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं। संस्कारों में परोपकार सबसे अहम है। हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए, तभी एक समृद्ध और सुरक्षित समाज का निर्माण होगा। संस्कार ही हमें आगे बढ़ने के प्रेरित करते हैं। संस्कार बेहद अहम होते हैं। संस्कारों के बिना न तो हम आगे बढ़ सकते हैं और न ही उन्नति कर सकते हैं। संस्कारों की शुरूआत घर से होती है और स्कूल से संस्कारों की समझ बढ़ती है। परोपकार का संस्कार समाज को एकजुट बनाता है और सामाजिक समरसता का भाव विकसित करता है। लिहाजा, हर व्यक्ति को संस्कारवान होना चाहिए। मनुष्य के लिए जरूरी है कि वो अपने आप को हर परिस्थिति के अनुसार ढाल लें, क्योंकि परिस्थिति कभी मनुष्य के अनुसार नहीं बदल सकती। किन्तु, यह तभी संभव है जब हमें संस्कारों की समझ हो। अक्सर हमें एक दूसरे की मदद की आवश्यकता पढ़ती है। हम अपेक्षा भी करते हैं और दूसरों की मदद के लिए तैयार भी रहते हैं। यह परोपकार के संस्कार की बदौलत ही संभव है।
यह जानकारी देते हुए मंत्री विनीत कुमार जैन ने बताया कि कार्यक्रम की श्रृखंला में दिनांक 01 जून शनिवार को प्रातः 5.45 बजे से जिन स्तुति, देव आज्ञा, गुरु आज्ञा, प्रातः 6.00 बजे से घट यात्रा (श्री जिनशासन तीर्थक्षेत्र से प्रारंभ), प्रातः 6.30 बजे से जिनाभिषेक, शांतिधारा, प्रातः 7.15 बजे ध्वजारोहण, प्रातः 7.30 बजे से आचार्य निमंत्रण, मण्डप शुद्धि, सकलीकरण, अंगन्यास, इन्द्र प्रतिष्ठा, मण्डप प्रतिष्ठा व अन्य मांगलिक क्रिया, प्रातः 8.15 बजे से नित्य नियम पूजन एवं मण्डल विधान पूजन प्रारंभ व श्री विमलनाथ भगवान का गर्भकल्याणक महोत्सव तथा प्रातः 9.00 बजे परम पूज्य उपाध्याय श्री 108 वृषभानंदजी महाराज के मांगलिक उद्बोधन का आयोजन किया जायेगा। इसी क्रम में सायं 6.30 बजे परम पू. उपाध्याय श्री द्वारा गुरु भक्ति/ आनंद यात्रा, प्रश्न मंच, सायं 7.30 बजे संगीतमय महाआरती हाथी पर सवार होकर, रात्रि 8.00 बजे से आदरणीय बाल ब्र. श्री नमन भैयाजी के मांगलिक प्रवचन एवं रात्रि में रात्रि 8.30 बजे से धार्मिक/सांस्कृतिक कार्यक्रम श्री जिनषासन तीर्थ क्षेत्र जैन नगर नाका मदार में आयोजित किये जायेगे। दिनांक 02 जून रविार से 04 जून मंगलवार तक प्रातः 6.00 बजे से जिनाभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजा एवं मण्डल विधान पूजन, प्रातः 9.00 बजे से परम पूज्य उपाध्याय श्री 108 वृषभानंदजी महाराज के मांगलिक उद्बोधन, सायं 6.30 बजे से परम पू. उपाध्याय श्री द्वारा गुरु भक्ति/ आनंद यात्रा, प्रश्न मंच, सायं   7.30 बजे से संगीतमय महाआरती, रात्रि 8.00 बजे से आदरणीय बाल ब्र.श्री नमन भैयाजी के मांगलिक प्रवचन एवं रात्रि 8.30 बजे से धार्मिक/सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसवाल जैन समाज अजमेर के उत्कृष्ट महिला मंडलों द्वारा आयोजित किया जायेगा।  
इसी क्रम में दिनांक 05 जून बुधवार को तीर्थंकर प्रभु श्री 1008 शांतिनाथ स्वामी जन्म तप व मोक्ष कल्याणक महामहोत्सव प्रातः 6.00 बजे से जिनाभिषेक, शांतिधारा, नित्य नियम पूजा एवं मण्डल विधान पूजन एवं निर्वाण मोदक समर्पित, प्रातः 7ः30 बजे से विष्व शांति महायज्ञ, तत्पष्चात् प्रातः 08.15 बजे से श्री जिनेन्द्र भव्य शोभायात्रा, प्रातः 09.30 बजे परम पू. उपाध्याय श्री 108 वृषभानंदजी महाराज के मांगलिक उद्बोधन तत्पष्चात् भगवान के अभिषेक एवं प्रातः 10.15 बजे सम्मान समारोह तत्पष्चात्  सकल दिगम्बर जैन समाज अजमेर का वात्सल्य भोजन का आयोजन श्री जिनषासन तीर्थ क्षेत्र जैन नगर नाका मदार अजमेर में आयोजित किया जायेगा। तत्पष्चात् सांय 6.30 बजे से परम पू. उपाध्याय श्री द्वारा गुरु भक्ति/ आनंद यात्रा, प्रश्न मंच, सायं 7.30 बजे से संगीतमय महाआरती, रात्रि 8.00 बजे से आदरणीय बाल ब्र.श्री नमन भैयाजी के मांगलिक प्रवचन एवं रात्रि 8.30 बजे से धार्मिक/सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसवाल जैन समाज अजमेर के महिला मंडलों द्वारा आयोजित किया जायेगा।