Chandra Grahan पर 200 साल बाद बन रहा अशुभ योग 12 राशियों पर क्या रहेगा प्रभाव..?

Chandra Grahan पर 200 साल बाद बन रहा अशुभ योग 12 राशियों पर क्या रहेगा प्रभाव..?

साल का आखिरी ग्रहण और दूसरा खंडग्रास चंद्रग्रहण 8 नवंबर 2022, कार्तिक पूर्णिमा पर पड़ने जा रहा है। यह चंद्रग्रहण लोगों के मन में चिंता बढ़ा रहा है, क्योंकि 25 अक्टूबर 2022 को सूर्यग्रहण होने के 15 दिन के भीतर ही यह दूसरा ग्रहण पड़ने जा रहा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, एक पक्ष या 15 दिन के भीतर दो ग्रहण होना, किसी बड़े अशुभ का संकेत माना गया है। इसी को देखते हुए लोगों के मन में आशंका है कि, अब देश व समाज के सामने कोई बड़ी कठिनाई आने वाली है। तो आइए हम आपको अपने इस कार्यक्रम में बताएंगे कि ग्रहण का क्या तात्पर्य है, और चंद्र ग्रहण से आखिर क्या पौराणिक कथा जूड़ी है। आमतौर पर जैसा कि आप जानते हैं कि, चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब सूर्य चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है। लेकिन चंद्र ग्रहण को लेकर हमारे ग्रंथों में कई कथाएं प्रचलित है। 
चंद्र ग्रहण की पौराणिक कथा..
हमारे पौराणिक कथा के अनुसार अमृत पाने के लिए जब देवता असुरों के बीच लड़ाई चल रही थी, तात्पर्य यह है कि, जब समुद्र मंथन चल रहा था,तब एक तरफ देवता थे, और दूसरी तरफ असुर थे। इस दौरान जब अमृत वितरण की बात आई, तब भगवान विष्णु मोहिनी का रूप लेकर प्रकट हुए थे, जब भगवान ने अमृत बांटना शुरू किया, तब राहु नामक एक राक्षस ने सोचा कि अगर वह देवताओं के साथ बैठता है, तो उसे भी अमृत मिल जाएगा। इसलिए वह जाकर देवताओं के साथ बैठ गया, और अमृत ग्रहण कर लिया। जिससे वह हमेशा के लिए अमर हो गया। उसके बाद जब सारी चीजे सूर्य देव, चंद्र देव ने देखी, तो उसे पकड़, सारी बाते जाकर भगवान श्रीहरि विष्णु को बताई, भगवान विष्णु ने सुदर्शन च्रक से राहू के सिर को उसके धड़ से अलग कर दिया। जिसके बाद सिर नामक राहु और धड़ नामक केतू का जन्म हुआ। ये दोनों सूर्य देव, चंद्र देव के पक्के दुश्मन थे, इसलिए जब भी सूर्य या चंद्र देव अपने स्थिति में आने की कोशिश करते हैं, तब राहु केतु यहां आकर ग्रहण लगाते हैं। इसलिए ग्रहण के दौरान कोई शुभ काम करने की मनाही होती है। क्योकि इस समय हमारे आस-पास का वातावरण नकारात्मक ऊर्जाओं से भरा हुआ होता है।
वहीं कल कार्तिक पूर्णिमा पर साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। यह साल का दूसरा चंद्रग्रहण होगा। भारत में चंद्र ग्रहण दिखने के कारण इसका सूतक काल मान्य होगा। चंद्रग्रहण में सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 9 घंटे पहले लगेगा। देश में सबसे पहले अरूणाचल प्रदेश में पूर्ण चंद्र ग्रहण देखने को मिलेगा। देश की पूर्वोत्तर राज्यों में पूर्ण चंद्र ग्रहण, जबकि बाकी जगहों पर आंशिक चंद्र ग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। 08 नवंबर को शाम के समय जैसे ही चंद्रोउदय होगा, उसी समय चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह चंद्र ग्रहण शाम 6 बजकर 19 मिनट पर खत्म हो जाएगा। आइए जानते हैं.. 08 नवंबर को लगने वाले चंद्रग्रहण से संबंधित सभी जानकारियां और इसके प्रभाव के बारे में विस्तार से...
चंद्र ग्रहण का सूतक काल कितने बजे से होगा शुरू..
वैदिक ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य ग्रहण होने पर सूतक काल ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले, जबकि चंद्र ग्रहण होने पर 9 घंटे पहले से सूतक शुरू हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण पर सूतक काल को शुभ नहीं माना जाता है। सूतक काल के दौरान पूजा-पाठ और शुभ कार्य वर्जित होते है।
दुनिया में एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, उत्तरी पूर्वी यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश हिस्से में साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण का नजारा दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का समय..
भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण आठ नवंबर को शाम 5 बजकर 20 मिनट से प्रारंभ होगा और शाम 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। वहीं सुबह 8:21 से मंदिर के पट बंद हो जाएंगे। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार सुबह 8:21 से सूतक लग जायेगा। स्पर्श शाम 5:21,मोक्ष शाम 6:19 पर होगा। पर्वकाल 58 मिनट का होगा। 
चंद्र ग्रहण में क्या करें और क्या न करें?
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा, इस कारण से इसका सूतक काल मान्य होगा। ऐसे में ग्रहण के लगने के 09 घंटे पहले से सूतक काल लग जाएगा। शास्त्रों में सूतक काल को अशुभ माना गया है। इसलिए सूतक लगने पर पूजा-पाठ,धार्मिक अनुष्ठान और शुभ काम नहीं किए जाते हैं। मंदिर के पट बंद दो जाते हैं। ग्रहण में न तो खाना पकाया जाता है और न ही खाना खाया जाता है। ग्रहण के दौरान मंत्रों का जाप और ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान और दान किया जाता है। ग्रहण की समाप्ति होने पर पूरे घर में गंगाजल से छिड़काव किया जाता है।
चंद्र ग्रहण में क्या न करें….
• चंद्र ग्रहण के दौरान कभी भी कोई शुभ काम या देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।
• चंद्र ग्रहण के दौरान न ही भोजन पकाना चाहिए और न ही कुछ खाना-पीना चाहिए।
• चंद्रग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं का ग्रहण नहीं देखना चाहिए और न ही घर से बाहर जाना चाहिए। 
• चंद्रग्रहण के दौरान तुलसी समेत अन्य पेड़-पौधों को नहीं छूना चाहिए।

चंद्र ग्रहण में क्या करें..
• ग्रहण शुरू होने से पहले यानी सूतक काल प्रभावी होने से पहले ही खाने-पीने की चीजों में पहले से तोड़े गए तुलसी के पत्तो को डालकर रखना चाहिए।
• ग्रहण के दौरान अपने इष्ट देवी-देवताओं के नाम का स्मरण करना चाहिए।
• ग्रहण के दौरान इसके असर को कम करने के लिए चंद्रमा से जुड़े हुए मंत्रों का जाप करना चाहिए।
• ग्रहण खत्म होने पर पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।

बता दे चंद्र ग्रहण पर 200 साल बाद अशुभ योग बन रहा है… देश दुनिया के लिए यह चंद्रग्रहण बहुत ही अशुभ है। चंद्र ग्रहण के कारण अमेरिका में मौसम परिवर्तन, बर्फबारी, जापान और दुनिया के अनेक देशों में भूकंप, पाकिस्तान में राजनीतिक हिंसा बढ़ने, चीन में आर्थिक समस्या उत्पन्न होने, यूक्रेन रूस युद्ध में तेजी आने और भारत के कई क्षेत्रों में भारी बारिश, बर्फ बारी और सर्दी समय से पहले और तेज पढ़ने के योग बन रहे हैं।

इस राशि और नक्षत्र में लगेगा चंद्र ग्रहण..
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, ग्रह-नक्षत्रों के परिवर्तन की तरह, ग्रहण का असर भी सभी राशियों पर देखने को मिलता है। ग्रहण के बाद आने वाले करीब एक महीने तक का समय बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। ज्योतिष गणना के मुताबिक साल का यह चंद्र ग्रहण 08 नवंबर 2022 को मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। मेष राशि के स्वामी ग्रह मंगल होते हैं, और इस दिन ये तीसरे भाव में वक्री अवस्था में रहेंगे। इसके अलावा चंद्रमा राहु के साथ मौजूद होंगे, और सूर्य केतु,शुक्र और बुध के साथ स्थित होंगे। देवगुरु बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि मीन और शनिदेव भी अपनी स्वयं की राशि मकर में विराजमान रहेंगे।


राशियों पर इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव
मेष- साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण आपकी राशि में लग रहा है। आपके लिए यह ग्रहण अशुभ और हानि पहुंचाने वाला रहेगा। सतर्क रहें।
वृष-आपके लिए यह चंद्र ग्रहण अच्छा नहीं रहेगा। धन हानि और मेहनत ज्यादा करनी पड़ सकती है।
मिथुन-आपके लिए यह चंद्र ग्रहण अच्छा रह सकता है। शुभ फल और करियर-कारोबार में अच्छा फायदा हो सकता है।
कर्क- कार्यों में सफलताएं प्राप्ति होंगी। मेहनत का अच्छा फल मिलेगा।
सिंह- आपको कोई शुभ समाचार मिल सकता है। नौकरी में अच्छे पद की प्राप्ति हो सकती है।
कन्या- इस राशि के जातकों का इस चंद्र ग्रहण के कारण कष्ट सहने पड़ सकते हैं।
तुला- परेशानियां आ सकती हैं। धन हानि होने से आपके काम बिगड़ सकते हैं। संभलकर चलें
वृश्चिक- आपको  धैर्य बनाएं रखना होगा नहीं तो यह ग्रहण आपको काफी नुकसान देने वाला हो सकता है। सावधानी बरतें।
धनु- आपको सेहत संबधित कुछ समस्याओं से जूझना पड़ सकता है।
मकर- इस राशि के जातकों को धन की हानि, मुकदमों में हार का सामना करना पड़ सकता है
कुंभ- इस राशि के जातकों को लाभ और सौभाग्य में वृद्धि के योग हैं।
मीन- ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।

वहीं विशेषकर मेष राशि के लोगों के लिए यह चंद्र ग्रहण बहुत ही अशुभ है, इसलिए मेष राशि के व्यक्ति इस ग्रहण को नहीं देखें। क्योंकि चंद्रग्रहण मेष राशि में पड़ रहा है, और मंगल की अग्नि और शस्त्र से संबंधित कार्य करने वाले सेना, पुलिस के जवान के लिए भी परेशानी कारक रहेगा। वहीं देश दुनिया में दुर्घटनाएं बढ़ने की संभावनाएं अधिक रहेंगी।