वीर सपूतों की धरती माने जाने वाले राजस्थान का एक और लाल देश सेवा करते हुए शहीद हो गया है। यहां के नागौर जिले का रहने वाला मुकेश कुमार अपने दो साथियों के साथ कश्मीर के कुपवाड़ा में ड्यूटी कर रहा था।
इसी दौरान वहां लैंडस्लाइड हुआ और मुकेश कुमार और उसके दोनों साथी बर्फ के नीचे दब गए। जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। सेना ने तीनों को शहीद का दर्जा दिया है।
नौकरी को 4 साल पूरे भी नहीं हुए और हो गई मौत
अब भले ही आज गांव में अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हो। लेकिन अब तक घर वालों को इस बारे में खबर नहीं है कि उनका बेटा शहीद भी हो चुका है। आज गांव में शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा। इससे पहले 20 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा भी निकाली जाएगी। परिजनों के मुताबिक मुकेश 18 साल की उम्र में सेना में नौकरी लग गया। पूरा परिवार खेती का काम करता है। केवल मुकेश ही एक सरकारी नौकरी में था। नौकरी को भी 4 साल पूरे नहीं हुए कि इससे पहले ही उसकी मौत हो गई।
बचपन से ही सेना में जाने का शौक था...अब देश की खातिर दिए प्राण
परिजनों ने बताया कि मुकेश कुमार को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था। क्योंकि गांव में अन्य भी कई सैनिक थे। ऐसे मैं बचपन से ही मुकेश कुमार ने पढ़ाई के साथ-साथ सेना में जाने की तैयारी की। नतीजा निकला कि आखिरकार 12वीं कक्षा पास करते ही मुकेश कुमार सेना में नौकरी लग गए। वहीं देश की सेना में सबसे ज्यादा सैनिक राजस्थान की सीकर चूरू और नागौर के हैं। क्या कई परिवार तो ऐसे भी हैं जिनमें पीढ़ी दर पीढ़ी लोग सेना में नौकरी करते हैं। वहीं इनमें भी सबसे ज्यादा सैनिक झुंझुनूं जिले से हैं।