बरसाने की लठमार होली

भगवान श्री कृष्ण की प्रियतम राधा रानी की नगरी बरसाने में विश्व प्रसिद्ध लट्ठमार होली सोमवार से प्रारंभ हो गई साथ ही रसिया गायन कार्यक्रम का भी शुभारंभ हुआ  इस लठमार होली में भाग लेने के लिए बरसाने से आने वाली महिलाओं को हुर्यरिणी कहां जाता है साथ ही नंद गांव से आने वाले पुरुषों को हुरियार कहा जाता है सोलह सिंगार से सज धज कर बरसाने की हुरियारीने जब प्रेम रस से भीगी लाठी हूँरियारियो पर बरसती है तो माहौल  देखने लायक होता है रंगों से शराब और आसमान और दालों की ओट में पुरुषों को प्रेम पगी लाठियां से बचते देख ऐसा लगा जैसे रंगीली गली में द्वापर युग लीला संजीव हो उठि हो इस आयोजन को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों की संख्या में लोग बरसाने पहुंचते हैं बरसाने की महिलाएं पारंपरिक लहंगा चुनरी पहनकर लठमार होली में शामिल होने के लिए तैयार रहती हैं होली के 7 दिन पूर्व ही बरसाने में लठमार होली का आयोजन प्रारंभ हो जाता है इस बार नंदगांव से होली खेलने आए पुरुषों पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की गई छात्रों से अबीर गुलाल और रंग बरसाया गया श्री लाडली जी मंदिर में 10 क्विंटल से ज्यादा रंग गुलाल उड़ाया गया  इस लठमार होली को देखने के लिए 10 लाख से अधिक देसी विदेशी लोग साक्षी बने