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म्यूचुअल फंड निवेशकों को ITR फाइलिंग में हो रही परेशानी, जानिए इसका समाधान

 

वित्तीय वर्ष 2024-25 के इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइलिंग सीजन में म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले कई टैक्सपेयर्स को एआईएस (Annual Information Statement) रिपोर्ट में एक अजीब समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

क्या है समस्या?

जिन निवेशकों ने पिछले साल म्यूचुअल फंड में खरीद-बिक्री की है, उनकी AIS रिपोर्ट में एक ही ट्रांजैक्शन तीन बार रिपोर्ट हो रही है। यह गड़बड़ी SFT (Specified Financial Transactions) सेक्शन में दिखाई दे रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह त्रुटि इसलिए हो रही है क्योंकि NSDL, CAMS और KFinTech जैसी रिपोर्टिंग एजेंसियों ने एक ही म्यूचुअल फंड रिडेम्पशन को अलग-अलग रिपोर्ट किया है। नतीजतन, AIS में म्यूचुअल फंड की बिक्री की रकम तिगुनी दिख रही है, जिससे निवेशकों का पूंजीगत लाभ (capital gains) बढ़ा हुआ नजर आ रहा है।

क्यों है यह चिंता की बात?

अगर निवेशक AIS डेटा को बिना जांचे ITR में शामिल कर देते हैं, तो उनके पूंजीगत लाभ की गणना गलत हो सकती है और वे जरूरत से ज्यादा टैक्स भर सकते हैं। खासतौर पर वे लोग जो ITR सॉफ्टवेयर में AIS डेटा ऑटो-इम्पोर्ट करते हैं, उन्हें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

क्या है समाधान?

ITR दाखिल करने से पहले AIS डेटा का मिलान करें

अपने म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट या डीमैट अकाउंट रिपोर्ट से AIS में दिख रही बिक्री रकम की तुलना करें।

वास्तविक बिक्री केवल उतनी ही मानी जाएगी जितनी आपके स्टेटमेंट में है, न कि AIS में तिगुनी दिखाई दे रही।

फॉर्म 26AS, AIS और म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट — तीनों का क्रॉस-वेरिफिकेशन करें

अगर किसी तरह की विसंगति मिलती है, तो AIS पोर्टल पर लॉग इन करके फीडबैक टैब में सही जानकारी दर्ज करें।

बिना मिलान किए AIS की प्रविष्टियाँ स्वीकार न करें

म्यूचुअल फंड जैसे लेनदेन में डुप्लिकेट रिपोर्टिंग आम होती जा रही है, इसलिए सावधानी जरूरी है।

निष्कर्ष

म्यूचुअल फंड निवेशकों को इस ITR सीजन में अपनी टैक्स रिटर्न फाइलिंग में खास सतर्कता बरतनी चाहिए। AIS में दिख रही जानकारी को अंतिम सत्य न मानें। जब तक आप अपनी वास्तविक निवेश रिपोर्ट के साथ उसका मिलान न कर लें, तब तक रिटर्न दाखिल करने से बचें।