
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टलने की उम्मीदें बढ़ीं, ‘ब्लड मनी’ पर बातचीत निर्णायक मोड़ पर
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी टलने की उम्मीदें बढ़ीं, ‘ब्लड मनी’ पर बातचीत निर्णायक मोड़ पर
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने की कोशिशें अब निर्णायक चरण में पहुंच गई हैं। धार्मिक और सामाजिक स्तर पर चल रहे प्रयासों के चलते मृतक तालाल अब्दो महदी के परिवार से सीधे बातचीत संभव हो पाई है। अब इस बातचीत का उद्देश्य ‘ब्लड मनी’ (रक्त-मुआवजा) के बदले सहमति बनाना है। अगर यह समझौता हो जाता है, तो निमिषा प्रिया की 16 जुलाई को प्रस्तावित फांसी टल सकती है।
धार्मिक नेताओं की मध्यस्थता से खुला संवाद का रास्ता
केरल के प्रभावशाली सुन्नी नेता कंथापुरम ए. पी. अबूबकर मुसलियार और यमन के प्रमुख सूफी विद्वान शेख हबीब उमर बिन हफीज के प्रयासों से यह बातचीत संभव हो सकी है। मंगलवार को यमन के धमार शहर में मृतक के परिवार और शेख हबीब उमर के प्रतिनिधियों के बीच महत्वपूर्ण बैठक प्रस्तावित है। धमार मृतक तालाल का पैतृक स्थान भी है, जिससे इस बातचीत को अतिरिक्त संवेदनशीलता प्राप्त है।
इस पहल की एक खास बात यह है कि अब मृतक के परिवार का एक प्रभावशाली सदस्य, जो कि होदेइदाह राज्य न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश और यमनी शूरा काउंसिल का सदस्य है, भी बातचीत में सक्रिय रूप से भाग ले रहा है। वह स्वयं सूफी परंपरा से जुड़े हैं और शेख हबीब उमर के अनुयायी हैं। इससे मध्यस्थता को नई दिशा और मजबूती मिली है।
‘ब्लड मनी’ पर बन सकती है सहमति
सूत्रों के अनुसार, मंगलवार को होने वाली बातचीत का मुख्य विषय ‘ब्लड मनी’ की राशि और उसकी स्वीकार्यता होगी। कंथापुरम मुसलियार ने यमन सरकार से यह आग्रह किया है कि जब तक यह वार्ता चल रही है, तब तक निमिषा प्रिया की फांसी पर रोक लगाई जाए। यमनी प्रशासन इस अनुरोध पर विचार कर रहा है, जिसे सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
मामला और भारत सरकार की भूमिका
निमिषा प्रिया, केरल के पलक्कड़ जिले की निवासी हैं। 2020 में उन्हें यमन में अपने व्यवसायिक साझेदार तालाल महदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज हो गई और वे वर्तमान में सना की जेल में बंद हैं।
भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि यमन का यह एक आंतरिक न्यायिक मामला है, जिसमें उसकी सीमित भूमिका है। हालांकि, सरकार ने धार्मिक माध्यमों से वार्ता और समाधान की कोशिशों को समर्थन दिया है।
सामाजिक और कबायली संवेदनशीलता
इस मामले में सिर्फ कानूनी और पारिवारिक पहलू नहीं हैं, बल्कि धमार क्षेत्र के कबीलों और स्थानीय समुदाय की भावनाएं भी जुड़ी हुई हैं। इसी कारण अब तक मृतक के परिवार से संपर्क स्थापित करना अत्यंत कठिन माना जा रहा था। लेकिन अब, धार्मिक नेताओं की पहल के बाद एक सार्थक संवाद शुरू हो सका है।
अंतिम क्षणों की कूटनीति
इस समय चल रही वार्ता को अंतिम क्षणों की कूटनीतिक पहल माना जा रहा है। अगर ‘ब्लड मनी’ को लेकर सहमति बनती है और यमन सरकार औपचारिक रूप से फांसी पर रोक लगाती है, तो यह निमिषा प्रिया की जान बचाने की दिशा में एक बड़ी सफलता होगी।
फिलहाल, पूरे देश की निगाहें मंगलवार को होने वाली उस महत्वपूर्ण बैठक पर टिकी हैं, जो निमिषा की किस्मत का फैसला कर सकती है।