
पीएम मोदी ने राज्यसभा के लिए नामित चारों विशिष्ट व्यक्तियों को दी बधाई, कहा – "इनके योगदान से समृद्ध होगी संसद"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राज्यसभा के लिए नामित चार प्रतिष्ठित व्यक्तियों को बधाई दी और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये चारों व्यक्ति अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट पहचान रखते हैं और उनका अनुभव एवं विशेषज्ञता संसद की कार्यवाही को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80(1)(क) के खंड (3) के तहत अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए जिन चार हस्तियों को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है, वे हैं:
पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला
26/11 मुंबई आतंकी हमले के विशेष लोक अभियोजक उज्ज्वल निकम
केरल के वरिष्ठ समाजसेवी और शिक्षक सी. सदानंदन मास्टर
प्रख्यात इतिहासकार और शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन
यह नामांकन पूर्व मनोनीत सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण रिक्त हुई सीटों की पूर्ति के लिए किया गया है।
उज्ज्वल निकम पर प्रधानमंत्री की टिप्पणी
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा,
“उज्ज्वल निकम का कानून और संविधान के प्रति समर्पण प्रशंसनीय है। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में न्याय सुनिश्चित करने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उनका राज्यसभा के लिए नामांकन उनके असाधारण कार्य का सम्मान है।”
हर्षवर्धन श्रृंगला को बताया कुशल कूटनीतिज्ञ
प्रधानमंत्री ने पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला को शुभकामनाएं देते हुए उन्हें एक उत्कृष्ट रणनीतिक विचारक बताया। उन्होंने लिखा,
“हर्षवर्धन श्रृंगला ने विदेश नीति के क्षेत्र में भारत को नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी नियुक्ति राज्यसभा में हमारे वैश्विक दृष्टिकोण को और सशक्त बनाएगी।”
सदानंदन मास्टर: अन्याय के खिलाफ साहस की मिसाल
प्रधानमंत्री मोदी ने केरल के वरिष्ठ नेता और समाजसेवी सी. सदानंदन मास्टर की सराहना करते हुए कहा,
“सदानंदन मास्टर का जीवन साहस, सेवा और न्याय के लिए समर्पण की मिसाल है। शिक्षा और समाज सेवा में उनका योगदान प्रेरणास्पद है। युवाओं के सशक्तिकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता विशेष रूप से उल्लेखनीय है।”
मीनाक्षी जैन को बताया विद्वान इतिहासकार
इतिहासकार और शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन के नामांकन पर पीएम मोदी ने लिखा,
“मीनाक्षी जैन एक उत्कृष्ट शोधकर्ता और इतिहासकार हैं। शिक्षा, साहित्य और राजनीति विज्ञान में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारे बौद्धिक विमर्श को और समृद्ध करेगी।”
प्रधानमंत्री मोदी की इन शुभकामनाओं से यह स्पष्ट है कि ये नामांकन न केवल प्रतिनिधित्व को विविध बनाएंगे, बल्कि संसद में विचार-विमर्श की गुणवत्ता को भी सशक्त करेंगे।