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सावन में क्या खाएं और क्या न खाएं? भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए जान लें जरूरी नियम

 

श्रावण मास, जिसे चातुर्मास भी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। यह चार माह तक चलने वाला एक धार्मिक काल होता है, जिसमें श्रद्धालु भगवान शिव की विशेष आराधना करते हैं। इस दौरान पूजा-पाठ, व्रत और संयमित जीवनशैली का पालन करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

विशेषकर सोमवार, जो शिव जी को समर्पित होता है, उस दिन व्रत रखने की परंपरा है। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि व्रत के दौरान क्या खाएं और किन चीज़ों से बचें, ताकि पूजा-उपासना के साथ-साथ शरीर भी स्वस्थ बना रहे।

श्रावण में व्रत के दौरान खा सकते हैं ये चीजें

व्रत के समय आहार हल्का, पचने में आसान और सात्विक होना चाहिए। शरीर को ऊर्जा देने वाले ये खाद्य पदार्थ आपके लिए उपयोगी हो सकते हैं:

✔️ फल और मेवे:

फल: ताजे मौसमी फल (सेब, केला, अंगूर आदि) खाएं। ये शरीर को ठंडक और ऊर्जा प्रदान करते हैं।

मेवे: बादाम, किशमिश, काजू, खजूर आदि व्रत में शक्ति देने वाले स्नैक्स हैं।

नारियल पानी: शरीर को हाइड्रेट रखने का बेहतरीन विकल्प।

✔️ व्रत विशेष आहार:

साबूदाना: इससे खिचड़ी, खीर, टिक्की बनाई जा सकती है।

मखाना: भूनकर या दूध में बनाकर सेवन करें।

राजगिरा (अमरंथ): इससे पराठा या पूरी बनाई जा सकती है।

कुट्टू और सिंघाड़े का आटा: व्रत की रोटी या पकौड़ी के लिए उत्तम।

अरारोट: हलवा या चीला के रूप में खाएं।

✔️ डेयरी उत्पाद:

दूध, दही, छाछ, पनीर, घी – ये शरीर को पोषण देते हैं और उपवास में ऊर्जा बनाए रखते हैं।

✔️ कुछ विशेष सब्जियाँ:

शकरकंद, लौकी, आलू, अरबी – हल्की और आसानी से पचने वाली।

सेंधा नमक, काली मिर्च, हरा धनिया – स्वाद के लिए उपयुक्त विकल्प।

व्रत के दौरान न खाएं ये चीजें

श्रावण के व्रत में कुछ चीजें वर्जित मानी जाती हैं क्योंकि ये सात्विकता के विरुद्ध होती हैं:

✖️ अनाज व दालें:

चावल, गेहूं, मक्का, बेसन, चना, मूंग आदि दालें और अनाज व्रत में नहीं खाए जाते।

✖️ कुछ मसाले और सब्जियां:

प्याज, लहसुन, मूली – तामसिक मानी जाती हैं, इसलिए वर्जित हैं।

हल्दी, लाल मिर्च, हींग – इनका प्रयोग व्रत में नहीं किया जाता।

✖️ सामान्य नमक:

केवल सेंधा नमक का उपयोग करें। सामान्य नमक वर्जित होता है।

🕉️ व्रत के दौरान रखें इन बातों का ध्यान

दिनभर अधिक पानी पिएं, शरीर को हाइड्रेट रखें।

हल्का भोजन करें, ज्यादा तला-भुना या भारी खाना न खाएं।

फाइबर युक्त आहार लें, जिससे पाचन बेहतर रहेगा।

सात्विक और शुद्ध खानपान अपनाएं, जिससे मन और तन दोनों को शांति मिले।