
पहली बार रख रहे हैं सावन सोमवार व्रत? ज़रूर जान लें ये जरूरी बातें
सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और कृपा प्राप्ति का सबसे शुभ समय माना जाता है। इस दौरान शिव भक्त सोमवार के दिन व्रत रखते हैं ताकि उन्हें वैवाहिक सुख, मानसिक शांति, उत्तम जीवनसाथी, रोगों से मुक्ति और आत्मिक उन्नति का आशीर्वाद मिल सके। अगर आप पहली बार यह व्रत रखने जा रहे हैं, तो इन नियमों और सावधानियों का पालन अवश्य करें:
🔹 व्रत की शुरुआत कैसे करें?
ब्रह्ममुहूर्त में उठें (सुबह 4 से 5 बजे के बीच), स्नान करके साफ-सुथरे कपड़े पहनें।
घर के मंदिर में या शिवालय जाकर “ॐ नमः शिवाय” मंत्र के साथ व्रत का संकल्प लें।
तय करें कि आप पूरे सावन के सोमवार व्रत रखेंगे या किसी एक विशेष सोमवार को।
🔹 पूजन विधि
शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें – इसमें दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल (या शुद्ध जल) शामिल हो।
इसके बाद शिवजी को बिल्वपत्र, सफेद फूल, धतूरा, भस्म और शमीपत्र अर्पित करें।
“ॐ नमः शिवाय”, “महामृत्युंजय मंत्र” या “शिव चालीसा” का जाप करें।
रुद्राष्टक और रुद्राभिषेक का पाठ करने से विशेष पुण्य मिलता है।
अगर कन्या के विवाह में विलंब हो रहा हो तो शिव-पार्वती को गुलाब के फूल चढ़ाकर “ॐ शं शंकराय नमः” मंत्र का जाप करें।
🔹 व्रत के दौरान आहार संबंधी नियम
दिनभर फलाहार करें – जैसे फल, दूध, मूँगफली, साबूदाना, या सिंघाड़े का आटा।
अनाज, नमक और तामसिक भोजन से पूरी तरह परहेज़ करें।
यदि निर्जल व्रत कठिन हो तो नारियल पानी या सामान्य जल ले सकते हैं।
मन, वाणी और व्यवहार की पवित्रता बनाए रखें – झूठ, क्रोध और कटु वचन से बचें।
दिन का अधिकांश समय जप, ध्यान और भजन में बिताएं।
🔹 व्रत का समापन कैसे करें?
सोमवार शाम को शिवजी की विधिपूर्वक आरती करें और व्रत कथा सुनें।
खीर, फल या फलाहार का भगवान को भोग लगाकर प्रसाद रूप में ग्रहण करें।
व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद करें।
⚠️ महत्वपूर्ण सावधानियां
व्रत को केवल धार्मिक अनुष्ठान ना मानें, बल्कि इसे आत्मिक साधना समझें।
व्रत करते समय दूसरों को दिखाने के लिए न करें, बल्कि श्रद्धा और भक्ति से करें।
यदि स्वास्थ्य कारणों से व्रत कठिन हो, तो डॉक्टर की सलाह अनुसार फलाहार व्रत अपनाएं।