
केरल यूनिवर्सिटी गेट पर छात्रों का प्रदर्शन, राज्यपाल पर भगवाकरण का आरोप; पुलिस ने किया वाटर कैनन का इस्तेमाल
तिरुवनंतपुरम: केरल यूनिवर्सिटी के बाहर उस समय तनाव की स्थिति बन गई, जब डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (DYFI) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (AISF) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। छात्रों ने राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर पर आरोप लगाया कि वह राज्य की यूनिवर्सिटियों का "भगवाकरण" कर रहे हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि राज्यपाल शिक्षा संस्थानों में आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुलपतियों की नियुक्ति में पारदर्शिता नहीं बरती जा रही है और संघ समर्थकों को प्राथमिकता दी जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शनकारियों ने जैसे ही यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर चढ़कर नारेबाजी शुरू की, मौके पर मौजूद पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वॉटर कैनन (पानी की बौछारें) का इस्तेमाल किया। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन बिना अनुमति के हो रहा था और इससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचने का खतरा था।
प्रदर्शनकारियों की मांगें
छात्र संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर राज्यपाल "भगवाकरण की कोशिशें" जारी रखते हैं, तो पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन और तेज किए जाएंगे। उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता की रक्षा की जाए और राज्यपाल के हस्तक्षेप को सीमित किया जाए।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने "राज्यपाल वापस जाओ" और "शिक्षा को भगवाकरण से बचाओ" जैसे नारे लगाए। DYFI और AISF का कहना है कि वे शिक्षा प्रणाली की स्वतंत्रता से कोई समझौता नहीं करेंगे।
राज्यपाल कार्यालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं
अब तक राज्यपाल या उनके कार्यालय की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक बयान नहीं दिया गया है। हालांकि, इससे पहले राज्यपाल कई बार कह चुके हैं कि उनकी प्राथमिकता राज्य की यूनिवर्सिटियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का केंद्र बनाना है।
फिलहाल, केरल में यह विवाद शिक्षा व्यवस्था और राजनीतिक विचारधाराओं के टकराव का प्रमुख मुद्दा बनता जा रहा है।