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हिमाचल में कहर बरपाता मानसून: अब तक 85 की मौत, 34 लापता — तबाही के मंजर रुला देंगे

हिमाचल प्रदेश इस बार मानसून के भारी प्रकोप से कराह उठा है। लगातार हो रही मूसलधार बारिश और अचानक आए सैलाब ने जीवन और संपत्ति को जबरदस्त नुकसान पहुंचाया है। मंडी जिले की सराज घाटी में 30 जून की रात बादल फटने से हालात और भी भयावह हो गए। तेज बारिश के बाद आई बाढ़ ने देखते ही देखते सैकड़ों घरों को बहा दिया।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अब तक राज्य में 85 लोगों की मौत हो चुकी है और 34 लोग अभी भी लापता हैं। अकेले सराज घाटी में ही 15 शव बरामद किए गए हैं जबकि 28 लोग लापता हैं। सिरमौर जिले के कालाअंब में इतनी तेज बारिश हुई कि नदी पुल के ऊपर से बहने लगी और सारा ट्रैफिक ठप हो गया।

प्रदेश भर में 431 घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं जबकि 922 घरों को आंशिक क्षति पहुंची है। इसके अलावा, 877 पशुशालाएं और 223 दुकानें भी मलबे में तब्दील हो गई हैं। जान-माल का नुकसान भी भारी है—881 मवेशियों और 21,500 से अधिक पोल्ट्री पक्षियों की मौत हुई है।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी असर
बुधवार शाम तक प्रदेश में एक नेशनल हाईवे समेत कुल 204 सड़कें बंद रहीं। मंडी के सराज क्षेत्र में एक बड़ा वाहन पुल और तीन पैदल पुल बह गए हैं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं। कई गांवों की उपजाऊ ज़मीनें, फसलें और बाग-बगीचे पानी और मलबे की भेंट चढ़ चुके हैं।

मौसम का हाल
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले पांच दिनों में भारी बारिश की संभावना नहीं है। हालांकि, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में गुरुवार और शुक्रवार को हल्की बारिश हो सकती है। मॉनसून की गतिविधि पिछले सप्ताह की तुलना में कुछ धीमी पड़ी है, और सामान्य से 18% कम वर्षा दर्ज की गई है।

राहत अभियान जारी
सराज और अन्य प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य लगातार जारी हैं। प्रशासन, NDRF और स्थानीय लोग मिलकर हर संभव मदद पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन तबाही की भयावहता राहत कार्यों को कठिन बना रही है।