
मीरा-भायंदर में व्यापारियों के विरोध के जवाब में मनसे की रैली, कई कार्यकर्ता हिरासत में
मीरा-भायंदर इलाके में हाल ही में एक विवाद उस समय शुरू हुआ जब एक फूड स्टॉल मालिक को मराठी में बात न करने पर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कुछ कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद व्यापारियों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। व्यापारियों की मांग थी कि हमले में शामिल मनसे कार्यकर्ताओं पर सख्त कार्रवाई की जाए।
इसके जवाब में मंगलवार को मनसे ने खुद की तरफ से एक रैली निकाली। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर उन्हें प्रदर्शन की अनुमति नहीं दे रही है। रैली में शामिल होते समय पुलिस ने कई मनसे कार्यकर्ताओं और नेताओं को हिरासत में ले लिया। इनमें मनसे के स्थानीय नेता अविनाश जाधव भी शामिल हैं।
पुलिस का कहना है कि इलाके में पहले हुई हिंसक घटना को देखते हुए विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी। एडिशनल कमिश्नर दत्ता शिंदे ने कहा कि पुलिस पूरी तरह सतर्क है और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सार्वजनिक जगहों पर एकत्र न हों।
इस पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि सरकार ने प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। मनसे ने जिस रूट पर मार्च निकालने की मांग की थी, वहां सुरक्षा कारणों से अनुमति देना संभव नहीं था। हमने उन्हें वैकल्पिक मार्ग सुझाया था, लेकिन उन्होंने मानने से इनकार कर दिया। फडणवीस ने यह भी कहा कि उन्हें पुलिस कमिश्नर से जानकारी मिली है कि केवल स्थान विशेष पर प्रतिबंध था, विरोध की अनुमति नहीं रोकी गई थी।
वहीं महाराष्ट्र सरकार में मंत्री योगेश कदम ने भी यही बात दोहराई कि मनसे को स्थान बदलने को कहा गया था क्योंकि मूल स्थान पर कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती थी। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे में कोई राजनीति नहीं है और निर्णय केवल सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया।