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भारत में 2047 तक मक्का उत्पादन दोगुना करने का लक्ष्य: कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान

 

नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को फिक्की द्वारा आयोजित 11वें मक्का सम्मेलन में कहा कि भारत 2047 तक मक्का उत्पादन को दोगुना कर 8.6 करोड़ टन तक पहुंचा सकता है। वर्तमान में भारत का मक्का उत्पादन लगभग 4.2 करोड़ टन है।

कृषि मंत्री ने कहा कि मक्का में स्टार्च की मात्रा को बढ़ाना आवश्यक है, जो वर्तमान में 65-70% के बीच है। इसे 72% तक बढ़ाया जाना चाहिए ताकि इसका औद्योगिक और खाद्य उपयोग अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सके।

उन्होंने यह भी ज़ोर दिया कि भारत को मक्का की उत्पादकता बढ़ाने के लिए अनुवांशिक रूप से संशोधित (GM) बीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके बजाय, बेहतर हाइब्रिड बीज और उन्नत कृषि तकनीकों पर जोर दिया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारत में मक्का की औसत उत्पादकता 3.7 टन प्रति हेक्टेयर है, जबकि पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे राज्यों में यह औसत से अधिक है। फिर भी इसमें सुधार की आवश्यकता है।

शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित की गई मक्का की 265 किस्मों का उल्लेख किया, जिनमें 77 हाइब्रिड और 35 बायो-फोर्टिफाइड किस्में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अभी इस दिशा में और काम करने की जरूरत है।

मंत्री ने पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से भी मक्का उत्पादन बढ़ाने की अपील की, जो वर्तमान में मुख्यतः धान की खेती पर निर्भर हैं। उन्होंने कहा कि मक्का, पानी की कम खपत करने वाली फसल है और यह जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के लिए बेहतर विकल्प बन सकती है।

MSP और एथेनॉल नीति से कीमतों में सुधार

उन्होंने बताया कि पहले मक्का की कीमतें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2,400 प्रति क्विंटल से भी कम थीं, लेकिन सरकार की 2025-26 तक 20% एथेनॉल मिश्रण नीति के चलते अब इनकी कीमतों में वृद्धि देखी जा रही है।

गुणवत्ता नियंत्रण पर जोर

कृषि मंत्री ने घटिया बीज, उर्वरक और कीटनाशकों की बिक्री पर भी चिंता जताई और इनकी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त नीतिगत ढांचे की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने दोषी आपूर्तिकर्ताओं और निर्माताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।