
भगवान जगन्नाथ की 'सुना बेशा' पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, पुलिस ने जारी किया विशेष अलर्ट
भगवान जगन्नाथ की स्वर्ण आभूषणों से सजी भव्य 'सुना बेशा' झांकी के दर्शन के लिए रविवार को पुरी में श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। रथों पर विराजमान भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और देवी सुभद्रा के इस विशेष स्वरूप के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में भक्त पहुंचे। भीड़ को देखते हुए ओडिशा पुलिस ने विशेष अलर्ट जारी करते हुए ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए व्यापक दिशा-निर्देश साझा किए हैं।
भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष प्रबंध
ओडिशा पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी दी कि शनिवार रात से ही भारी संख्या में भक्त पुरी पहुंच रहे हैं। नतीजतन, शहर की अधिकांश पार्किंग स्थल पूरी तरह भर चुकी हैं। अब वाहन तालाबानिया और स्टर्लिंग जैसे वैकल्पिक मार्गों की ओर भेजे जा रहे हैं। बाटागांव और मलतीपटपुर क्षेत्रों में भी लंबा इंतजार हो सकता है। श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि यात्रा से पहले इन बातों का ध्यान रखें।
रातभर चलता रहा दर्शन का सिलसिला
शनिवार रात भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। खास बात यह रही कि उस रात देवताओं का 'पहुड़ा' (विश्राम) नहीं हुआ, जिससे भक्तों को रातभर रथों पर विराजमान भगवानों के दर्शन का दुर्लभ अवसर मिला। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार, यह निर्णय श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह को ध्यान में रखकर लिया गया।
‘सुना बेशा’ की विशेष भव्यता
रविवार सुबह सेवकों ने पारंपरिक अनुष्ठानों को पूरा करने के बाद भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा को स्वर्णाभूषणों से सजाया। तीनों देवता 'नंदीघोष', 'तालध्वज' और 'दर्पदलन' नामक रथों पर सिंह द्वार के सामने विराजमान हैं। रथ यात्रा और 'बहुड़ा यात्रा' के सफल समापन के बाद यह आयोजन अत्यंत श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
दर्शन का समय और प्रशासन की अपील
जगन्नाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार, ‘सुना बेशा’ दर्शन रविवार शाम 6:30 बजे से रात 11 बजे तक खुला रहेगा। इस दौरान व्यवस्था बनाए रखने के लिए स्वयंसेवक, पुलिस बल और प्रशासन पूरी मुस्तैदी से तैनात हैं।
29 जून की घटना के बाद प्रशासन सतर्क
पिछले सप्ताह 29 जून को गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ में तीन श्रद्धालुओं की मृत्यु के बाद प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। इस बार अतिरिक्त बल, सुरक्षा व्यवस्था और भीड़ प्रबंधन के उपाय सुनिश्चित किए गए हैं ताकि ऐसी कोई घटना दोबारा न हो।
श्रद्धालुओं से अनुरोध
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन और पुरी पुलिस ने भक्तों से संयम बनाए रखने, धैर्य रखने और नियमों का पालन करने की अपील की है। धक्का-मुक्की से बचें, वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें और सुरक्षा बलों के निर्देशों का पालन करें ताकि यह पावन अवसर शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से संपन्न हो सके।
‘सुना बेशा’ भगवान जगन्नाथ की परंपरा का एक प्रमुख पर्व है, जिसमें हर साल लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह आयोजन भक्ति, श्रद्धा और संस्कृति की अनुपम झलक प्रस्तुत करता है।