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ईरान ने IAEA से तोड़े संबंध, अमेरिका-इस्राइल हमलों के बाद बड़ा फैसला

 

हाल ही में अमेरिका और इस्राइल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद ईरान ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के साथ अपने सहयोग को समाप्त करने की घोषणा की है। ईरान ने IAEA पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एजेंसी की निष्क्रियता और मिलीभगत के चलते उसके परमाणु स्थलों पर हमला हुआ, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का स्पष्ट उल्लंघन है।

ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने संसद द्वारा पारित एक कानून के तहत आदेश जारी करते हुए कहा कि अब ईरान IAEA के साथ कोई सहयोग नहीं करेगा। इस आदेश को ईरान की संवैधानिक निगरानी संस्था की मंजूरी भी मिल चुकी है।

हमलों में नुकसान, लेकिन कार्यक्रम खत्म नहीं

अमेरिकी रक्षा एजेंसियों की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान का मेटल कन्वर्जन प्लांट नष्ट हुआ है, लेकिन पूरे परमाणु ढांचे को खत्म नहीं किया जा सका है। IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा है कि हमलों के बावजूद ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ है। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान कुछ महीनों के भीतर फिर से यूरेनियम संवर्धन शुरू कर सकता है।

ईरान का आरोप: अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन

ईरान का कहना है कि उसके परमाणु स्थलों पर हमला सुरक्षा समझौतों और परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत चल रही IAEA निगरानी के बावजूद हुआ है। ईरान ने इस कार्रवाई को 'अंतरराष्ट्रीय जंगलराज' की संज्ञा दी है और उम्मीद जताई है कि वैश्विक समुदाय इस अराजकता की निंदा करेगा और ईरान के वैध अधिकारों का समर्थन करेगा।

संघर्ष में नागरिकों की मौत

इस्राइल और ईरान के बीच हाल ही में दो सप्ताह तक चले संघर्ष में ईरान में 935 नागरिकों की मौत हुई, जिनमें 132 महिलाएं और 38 बच्चे शामिल थे। यह जानकारी सरकारी समाचार एजेंसी IRNA द्वारा दी गई है।