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फोन कॉल लीक मामले में थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा निलंबित, संवैधानिक न्यायालय का आदेश
थाईलैंड की प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा को संवैधानिक न्यायालय ने मंगलवार को निलंबित कर दिया है। यह निर्णय उनके और कंबोडिया के पूर्व प्रधानमंत्री के बीच हुई एक कथित फोन कॉल के ऑडियो लीक होने के बाद लिया गया। न्यायालय ने नैतिकता के गंभीर उल्लंघन के आरोपों की जांच पूरी होने तक उन्हें पद से दूर रखने का आदेश दिया है।
न्यायालय का फैसला
संवैधानिक न्यायालय में दाखिल याचिका में प्रधानमंत्री पर नैतिक आचरण के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 9 में से 7 न्यायाधीशों ने उनके निलंबन के पक्ष में मतदान किया। अदालत के इस फैसले के बाद देश में राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है।
शिनावात्रा की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा ने कहा कि वह न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करती हैं और उसका पालन करेंगी, हालांकि उन्होंने चिंता जताई कि इससे उनके कामकाज में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इसके अलावा, उन्हें राष्ट्रीय भ्रष्टाचार निरोधक आयोग की एक अलग जांच का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसमें आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप हैं।
गठबंधन सरकार पर संकट, नए मंत्रिमंडल का गठन
ऑडियो लीक के बाद भूमजाइथाई पार्टी ने गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके चलते प्रधानमंत्री को मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव करने पड़े। थाईलैंड के राजा महा वजीरालोंगकोर्न ने नए मंत्रियों की नियुक्ति को मंजूरी दी है।
पूर्व उप प्रधानमंत्री अनुतिन चारविरकुल की जगह फुमथम वेचायाचाई को उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री नियुक्त किया गया है। फुमथम इससे पहले रक्षा मंत्री थे। रक्षा मंत्रालय का पद फिलहाल खाली रखा गया है, और उप रक्षा मंत्री को कार्यवाहक मंत्री का प्रभार दिया गया है।
संस्कृति मंत्री की भूमिका में पेतोंगतार्न
प्रधानमंत्री पद से निलंबन के बावजूद पेतोंगतार्न शिनावात्रा ने संस्कृति मंत्री का कार्यभार संभाला है। उन्होंने कहा कि वह वैश्विक मंच पर थाई संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।