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जयपुर में भ्रूण लिंग जांच रैकेट का खुलासा, चीन से लाई जा रही पोर्टेबल मशीन के साथ सप्लायर गिरफ्तार

 

जयपुर: भ्रूण लिंग जांच के लिए प्रतिबंधित चीन निर्मित पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीन की अवैध बिक्री का भंडाफोड़ करते हुए जयपुर में एक सप्लायर को गिरफ्तार किया गया है। पीसीपीएनडीटी (Pre-Conception and Pre-Natal Diagnostic Techniques) टीम ने दो महीने की गोपनीय जांच के बाद इस कार्रवाई को अंजाम दिया।

गिरफ्तार आरोपी की पहचान अमिताभ भादुरी (उम्र 45 वर्ष) के रूप में हुई है, जो पश्चिम बंगाल के हुगली जिले का निवासी है। वह यह मशीन कोलकाता स्थित एक निजी हेल्थकेयर कंपनी के डॉक्टर आदित्य मुरारका से लेकर जयपुर में डिलीवर करने आया था।

दो महीने की रेकी, फिर सटीक कार्रवाई

पीसीपीएनडीटी के निदेशक डॉ. अमित यादव के अनुसार, टीम को सूचना मिली थी कि देशभर में चीन से तस्करी कर लाई जा रही पोर्टेबल सोनोग्राफी मशीनें अवैध रूप से बेची जा रही हैं। इसके बाद विशेष जांच दल का गठन किया गया, जिसने दो महीने तक हर गतिविधि पर नजर रखी।

टीम ने सप्लायर से ग्राहक बनकर संपर्क किया और मशीन की डील 6.25 लाख रुपये में तय की। आरोपी को कुछ रकम एडवांस में ऑनलाइन भेजी गई। जैसे ही आरोपी जयपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा और सेंट्रल पार्क की ओर रवाना हुआ, टीम ने दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया।

गिरोह का 'डॉन' डॉक्टर आदित्य!

गिरफ्तारी से ठीक पहले आरोपी ने अपने कथित मुख्य सरगना डॉक्टर आदित्य मुरारका को एक वॉइस मैसेज भेजा, जिसमें उसने कहा:

"मैं वेटिंग एरिया में रुका हूं ताकि सुरक्षा बनी रहे, कंपनी का पैसा भी बचा रहा हूं। वैसे भी डॉन को पकड़ना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है... और वो डॉन हो आप।"

कुछ ही देर बाद टीम ने उसे सेंट्रल पार्क से दबोच लिया।

कॉम्पैक्ट मशीन, करोड़ों का नेटवर्क

एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ ने बताया कि यह मशीनें बेहद कॉम्पैक्ट होती हैं, जिन्हें एक छोटे सूटकेस में रखा जा सकता है। चीन से तस्करी कर इन्हें भारत लाया जाता है और फिर अलग-अलग राज्यों में 7 से 10 लाख रुपये में बेचा जाता है।

पुलिस ने कोलकाता स्थित कंपनी और डॉक्टर मुरारका के खिलाफ स्थानीय प्रशासन को सूचना दे दी है। जल्द ही पूरे नेटवर्क के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।

बड़ा कदम, बड़ी जिम्मेदारी

डॉ. जाखड़ ने कहा,

"कन्या भ्रूण हत्या जैसे जघन्य अपराध को रोकने की दिशा में यह कार्रवाई बेहद अहम है। हमारा लक्ष्य है कि इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त कर मुख्य आरोपियों को सख्त सजा दिलाई जाए।"

यह रिपोर्ट भ्रूण लिंग परीक्षण जैसी अवैध गतिविधियों के खिलाफ एक सशक्त कदम को दर्शाती है और समाज को जागरूक करने का संदेश भी देती है।