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एक देश नहीं चाहता था आतंकवाद का जिक्र': विदेश मंत्री जयशंकर ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर साधा निशाना, राजनाथ सिंह के रुख को बताया सही
चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। इसका कारण था—बयान में हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले का उल्लेख न होना। राजनाथ सिंह के इस रुख की विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सराहना की और इसे पूरी तरह उचित बताया।
एससीओ के 10 सदस्यीय समूह में केवल एक देश ऐसा था जो आतंकवाद के उल्लेख का विरोध कर रहा था। विदेश मंत्री जयशंकर ने बिना नाम लिए स्पष्ट संकेत दिया कि यह देश पाकिस्तान था। उन्होंने कहा, "एससीओ का मूल उद्देश्य आतंकवाद से लड़ना है। अगर एक देश आतंकवाद पर चर्चा नहीं करना चाहता, तो यह उस संगठन की भावना के खिलाफ है।"
जयशंकर ने आगे कहा, "रक्षा मंत्री का रुख पूरी तरह से सही था। यदि साझा बयान में आतंकवाद का जिक्र नहीं है, तो उस पर हस्ताक्षर करने का कोई औचित्य नहीं बनता। एससीओ सर्वसम्मति से निर्णय लेता है, इसलिए अगर एक भी देश सहमत नहीं होता, तो प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता।"