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अनिश्चितताओं के बावजूद भारत में ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ी, अप्रैल-जून में लीजिंग 178 लाख वर्ग फुट तक पहुंची

 

वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच भी भारत के वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र में मजबूती बनी रही है। कोलियर्स की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश के प्रमुख सात शहरों में अप्रैल-जून 2025 की तिमाही के दौरान कुल ऑफिस स्पेस लीजिंग 11% बढ़कर 178 लाख वर्ग फुट पर पहुंच गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 161 लाख वर्ग फुट था।

मुंबई को छोड़ बाकी सभी शहरों में मांग में बढ़ोतरी

रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, कोलकाता और पुणे जैसे छह प्रमुख शहरों में ऑफिस स्पेस की मांग में तेज वृद्धि देखी गई, जबकि केवल मुंबई में गिरावट दर्ज की गई।

शहरवार लीजिंग स्थिति इस प्रकार रही:

बेंगलुरु: 48 लाख वर्ग फुट (स्थिर)

चेन्नई: 30% वृद्धि के साथ 26 लाख वर्ग फुट (2024 में 20 लाख वर्ग फुट)

दिल्ली-एनसीआर: 16% वृद्धि के साथ 22 लाख वर्ग फुट (2024 में 19 लाख वर्ग फुट)

हैदराबाद: 23% वृद्धि के साथ 32 लाख वर्ग फुट (2024 में 26 लाख वर्ग फुट)

कोलकाता: दोगुनी वृद्धि के साथ 6 लाख वर्ग फुट

पुणे: 60% वृद्धि के साथ 16 लाख वर्ग फुट (2024 में 10 लाख वर्ग फुट)

मुंबई: 20% की गिरावट के साथ 28 लाख वर्ग फुट (2024 में 35 लाख वर्ग फुट)

2025 के अंत तक 700 लाख वर्ग फुट ऑफिस स्पेस की संभावना

कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (ऑफिस सेवाएं) अर्पित मेहरोत्रा के अनुसार, भारत का ऑफिस मार्केट पिछले दो वर्षों में दिखी स्थिरता और वृद्धि को बनाए रखते हुए 2025 में भी मजबूती से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने अनुमान जताया कि 2025 के अंत तक देश में कुल ऑफिस स्पेस की मांग 650 से 700 लाख वर्ग फुट तक पहुंच सकती है।

उनका मानना है कि विविध किरायेदारों की भागीदारी, स्थिर आपूर्ति और निवेशकों की रुचि इस सकारात्मक रुझान को समर्थन दे रही है।

कॉरपोरेट्स और को-वर्किंग स्पेस में बढ़ी भागीदारी

रिपोर्ट के अनुसार, कुल लीजिंग में से 135 लाख वर्ग फुट स्पेस सीधे कॉरपोरेट्स द्वारा लीज पर लिया गया, जबकि 43 लाख वर्ग फुट को-वर्किंग ऑपरेटरों ने लीज किया, जिसे वे अंतिम उपभोक्ताओं को सब-लीज करते हैं।

बढ़ती मांग के पीछे कारण:

अर्बन वॉल्ट के सीईओ अमल मिश्रा के अनुसार, प्रतिस्पर्धी परिचालन लागत और बिल्ट-टू-सूट ऑफिस स्पेस की उपलब्धता से मांग में तेजी आ रही है।

हंटो वर्कस्पेस के संस्थापक आशीत वर्मा का कहना है कि विदेशी कंपनियां भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (GCC) स्थापित करने को लेकर काफी सक्रिय हैं, जिससे ऑफिस स्पेस की मांग और बढ़ रही है।