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ईरान में संघर्ष विराम के बाद कार्रवाई तेज़, मोसाद से जुड़े तीन जासूसों को दी गई फांसी; अब तक 700 गिरफ्तार

 

तेहरान/उर्मिया: इस्राइल के साथ संघर्ष विराम लागू होने के ठीक अगले दिन ईरान ने इस्राइल की खुफिया एजेंसी मोसाद से जुड़े तीन और कैदियों को फांसी दे दी है। ईरानी अधिकारियों का मानना है कि इन जासूसों ने देश के परमाणु ठिकानों से जुड़ी संवेदनशील जानकारी लीक की थी। अब तक ईरान में ऐसे छह लोगों को फांसी दी जा चुकी है और 700 से अधिक संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है।

बुधवार को पश्चिमी अज़रबैजान प्रांत की उर्मिया जेल में तीन कैदियों—आजाद शोजाई, एड्रिस आली और इराकी नागरिक रसूल अहमद रसूल—को फांसी दी गई। ईरान की न्यायपालिका के अनुसार, इन पर इस्राइल के लिए जासूसी करने और देश में हथियारों की तस्करी का आरोप था।

मानवाधिकार संगठनों को आशंका है कि आने वाले दिनों में और फांसी की सज़ाएं दी जा सकती हैं।

युद्ध की पृष्ठभूमि और संघर्ष विराम की स्थिति

13 जून को इस्राइल ने "ऑपरेशन राइजिंग लॉयन" के तहत ईरान की परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला किया था। जवाब में ईरान ने "ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3" शुरू किया और इस्राइली ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए। इसके बाद अमेरिका ने भी हस्तक्षेप करते हुए ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर सटीक हमले किए।

मंगलवार को (भारतीय समयानुसार) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान-इस्राइल संघर्ष के बीच युद्धविराम समझौते की घोषणा की। यह तब हुआ जब ईरान ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर जवाबी हमले किए थे। हालांकि, ट्रंप की घोषणा के कुछ घंटे बाद ही इस्राइली वायुसेना ने तेहरान के उत्तर में स्थित एक ईरानी रडार बेस पर हमला किया, जिसके जवाब में ईरान ने दो बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं।

हालात सामान्य होने की ओर

संघर्ष विराम के बाद ईरान में सामान्य जीवन की बहाली की कोशिशें तेज़ हो गई हैं। राजधानी तेहरान से बाहर कैस्पियन सागर क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में भारी ट्रैफिक देखने को मिल रहा है, क्योंकि लोग शहरों की ओर लौटने लगे हैं।