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ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ऋण मांग में तेजी, शहरी और मेट्रो क्षेत्रों में सुस्ती: ट्रांसयूनियन सिबिल डेटा
हाल ही में जारी ट्रांसयूनियन सिबिल की रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 तिमाही के दौरान देशभर में ऋण मांग में हल्की गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन इसके बावजूद ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में क्रेडिट मांग का प्रदर्शन अपेक्षाकृत मजबूत रहा है। इसके विपरीत, मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में ऋण पूछताछ में सुस्ती देखी गई है।
क्षेत्रवार हिस्सेदारी में बदलाव
मार्च 2025 तिमाही के आंकड़ों के अनुसार:
ग्रामीण क्षेत्रों की क्रेडिट पूछताछ हिस्सेदारी बढ़कर 22% हो गई, जो 2023 और 2024 में 20% थी।
अर्ध-शहरी क्षेत्रों की हिस्सेदारी भी बढ़कर 30% पहुंच गई है, जो 2023 में 28% और 2024 में 29% थी।
इसके मुकाबले, मेट्रो क्षेत्रों की हिस्सेदारी गिरकर 29% रह गई, जो मार्च 2023 में 32% थी।
शहरी क्षेत्रों ने स्थिर प्रदर्शन जारी रखा, जहां हिस्सेदारी 19-20% के आसपास बनी रही।
आयु वर्ग के अनुसार ऋण पूछताछ रुझान
आयु वर्ग के आधार पर देखें तो:
26–35 वर्ष आयु वर्ग की हिस्सेदारी घटकर 39% हो गई, जो पिछले दो वर्षों में 41% थी।
25 वर्ष से कम आयु वर्ग की हिस्सेदारी 17-18% पर स्थिर रही।
36–45 वर्ष आयु वर्ग में वृद्धि हुई, और हिस्सेदारी 25% पहुंची, जो पहले 24% थी।
45–55 वर्ष और 55+ आयु वर्ग में कोई उल्लेखनीय बदलाव नहीं देखा गया।
क्रेडिट उत्पादों में बदलाव
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि क्रेडिट मांग में कमी मुख्यतः होम लोन और दोपहिया वाहन ऋण जैसे उच्च मूल्य वर्ग के उत्पादों में गिरावट के कारण हुई है। हालांकि, पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड, और कंज़्यूमर ड्यूरेबल फाइनेंसिंग जैसे उपभोग आधारित ऋणों में सितंबर 2024 के बाद से सुधार के संकेत मिले हैं।