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साधना व भक्ति से षक्ति मिलती है - स्वामी रामप्रकाष


स्वामी टेउंराम चालीसा के 33वें दिन सिन्धू भवन पंचषील में हुआ धार्मिक आयोजन
अजमेर-22 जून- साधना व भक्ति से ष्षक्ति मिलती है। स्वामी टेउॅराम जी परोपकारी थे जो देष दुनिया में सभी को धर्म की राह पर चलना सिखाया। सेवा व स्मरण का मार्ग ही जीवन का आधार है। ऐसे आर्षीवचन स्वामी ब्रहमानन्द षास़्त्री की आर्षीवाद से स्वामी बसंतराम सेवा ट्रस्ट, प्रेम प्रकाष आश्रम के स्वामी रामप्रकाष जी ने सिन्धू भवन पंचषील नगर में स्वामी टेउॅराम चालीसा के 33वें दिवस पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रम में प्रवचन में कहे। उन्होने कहा कि जीते जी जुगति कर तो होगी सच्ची मुक्ति, सद्गुरू साहिब अहिडा मिलाया कि हमारा भाग्य जगाया। भजनों में घर घर गुरूअ जे जन्म जो द्ीयो बडे थो....., स्वामी टेउॅराम अवतार थी वियो.........., थो करयां मां विनती................., साधना तपस्या ही है जो देष दुनिया में हुआ नाम....... गाकर आर्षीवाद दिया। उन्होने कहा कि नियमित गौसेवा से सभी देवताओं के दर्षन होते हैं।
इस अवसर पर प्रेम प्रकाष आश्रम आदर्ष नगर के दादा नारायणदास ने भी आर्षीवचन दिये। सेवादार सोनू सांई, हषू आसवाणी ने भी भजन व सोलह षिक्षायें गाकर प्रस्तुत किये। स्वामी टेउॅराम व आराध्यदेव झूलेलाल की आरती व पल्लव प्रार्थना सामूहिक की गई।
 कार्यक्रम में पंचायत अध्यक्ष राधाकिषन आहूजा, महासचिव मनोज मेंघाणी, उपाध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, कमल मोतियाणी, मुकेष आहूजा, मूलचन्द केवलाणी, भगवान आबनाणी, षोभराज विधाणी के साथ मातृषक्ति की कान्ता मोतियाणी, कचंन हरवाणी, आषा केसवाणी, कमला आहूजा, मीना खेमाणी, रितू मेंघाणी, हेमा बसराणी, वर्षा मूलाणी, रेषमा, तारा पारवाणी, भक्ति आहूजा, मनसुखाणी सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।