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रुक्मणी वृद्धाश्रम में विश्व वरिष्ठ नागरिक दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस पर जागरूकता शिविर का हुआ आयोजन ।
माननीय राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर के निर्देशानुसार आज दिनांक 15.06.2025 को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर के तत्वावधान में रुक्मणी वृद्धाश्रम सवाई माधोपुर में विश्व वरिष्ठ नागरिक दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस का आयोजन किया गया ।
जागरूकता शिविर की अध्यक्षता आशुतोष सिंह आढ़ा मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सवाई माधोपुर द्वारा की गई, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा उपस्थित वृद्धजनों एवं वृद्धाश्रम स्टाफ को बताया गया कि प्रतिवर्ष 15 जून को दुनियाभर में विश्व वरिष्ठ नागरिक दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस मनाया जाता है, यह दिवस लोगों को वृद्धजनों के साथ दुर्व्यवहार की व्यापकता और भयावहता के बारे में सचेत करता है। इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य वृद्धजनों के साथ दुर्व्यवहार और उपेक्षा के बढ़ते मुद्दों पर प्रकाश डालना और इसे रोकने के तरीकों के बारे में लोगों को शिक्षित करना है।
बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार एक गंभीर विषय है जिस पर ज्यादा चर्चा नहीं होती है। हालांकि विश्व वरिष्ठ नागरिक दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस इस विषय को सामने लाता है ताकि हम इस समस्या से अवगत हो सकें जिससे कई बुजुर्ग रोज़ाना पीड़ित होते हैं।
वरिष्ठ नागरिकों के साथ दुर्व्यवहार के लक्षणों में मारपीट, भरण-पोषण और परिवार के सदस्यों या परिचितों से दूरी शामिल हैं। जिन बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है, उनमें चिंता, अवसाद जैसे मनोवैज्ञानिक लक्षण भी हो सकते हैं।
परित्याग भी बुज़ुर्गों के साथ दुर्व्यवहार का एक प्रकार है। यह तब होता है जब किसी बुज़ुर्ग व्यक्ति की देखभाल के लिए ज़िम्मेदार परिजन उन्हें छोड़ देते है। ज़्यादातर मामलों में, बुज़ुर्गों के साथ दुर्व्यवहार के परिणामस्वरूप पीड़ित को मनोवैज्ञानिक क्षति होती है।
अगर आपका कोई परिचित वृद्धजन दुर्व्यवहार का शिकार है या किसी बुज़ुर्ग को खतरा है, तो तुरन्त पुलिस या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सूचित करें ।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए नालसा (वरिष्ठ नागरिकों को विधिक सेवाएं) योजना 2016 संचालित की जा रही है, इस योजना का उद्देश्य वरिष्ठ नागरिकों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक करना, वरिष्ठ नागरिकों को कानूनी सहायता प्रदान करना एवं उन्हें सशक्त बनाना है।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम 2007, नालसा (मानसिक रूप से बीमार एवं बौद्धिक रूप से असक्षम व्यक्तियों को विधिक सेवाएं) योजना 2024, वरिष्ठ नागरिकों को प्राप्त अधिकारों गरिमा और सम्मान का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, स्वास्थ्य, देखभाल और आश्रय का अधिकार, संरक्षण का अधिकार एवं अन्य अधिकारों के संबंध में जानकारी प्रदान कर उपस्थित वृद्धजनों एवं वृद्धाश्रम स्टाफ को जागरूक किया गया।
इस अवसर पर अधिकार मित्र मुकेश कुमार शर्मा, मगनलाल मीना, गिर्राज रैगर, मोरसिंह गुर्जर द्वारा नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100 एवं नालसा पोर्टल आदि के संबंध में जानकारी प्रदान की गई ।