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सऊदी अरब का इजरायल पर तीखा हमला: ‘ईरान पर वार भाईचारे और कानून दोनों पर हमला’
ईरान पर इजरायल के सैन्य हमले के बाद सऊदी अरब ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। सऊदी विदेश मंत्रालय ने इसे ‘भाई जैसे देश’ की संप्रभुता पर हमला बताते हुए कड़े शब्दों में निंदा की है। बयान में कहा गया है कि यह हमला केवल एक राष्ट्र पर नहीं, बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ भी एक गंभीर उल्लंघन है।
सऊदी अरब ने कहा, "भाई जैसे इस्लामिक देश पर हमला कर इजरायल ने न सिर्फ उसकी संप्रभुता को ठेस पहुंचाई है, बल्कि क्षेत्रीय शांति को भी खतरे में डाल दिया है।"
यह बयान ऐसे समय आया है जब ईरान और इजरायल के बीच तनाव चरम पर है। इजरायल ने शुक्रवार को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू करने का दावा किया, जिसके तहत उसने ईरान के परमाणु ठिकानों, विशेष रूप से नतांज स्थित संवर्धन केंद्र पर हमला करने की बात कही है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक वीडियो संदेश में कहा, "ईरान दशकों से इजरायल के विनाश की बातें करता आ रहा है और अब वह परमाणु हथियार बनाने की दहलीज पर है। हम चुप नहीं रह सकते।"
नेतन्याहू के अनुसार, ईरान ने हाल के वर्षों में नौ परमाणु बम बनाने के लिए आवश्यक उच्च संवर्धित यूरेनियम जमा किया है, और अब वह तेज़ी से हथियार निर्माण की ओर बढ़ रहा है।
सऊदी अरब और ईरान के संबंध 2023 में चीन की मध्यस्थता से सामान्य हुए थे। सात साल बाद दोनों देशों ने फिर से राजनयिक संबंध बहाल किए, जिससे हज, व्यापार और सुरक्षा के मोर्चे पर सहमति बनी। यही कारण है कि रियाद ने ईरान को "भाई" कहकर संबोधित किया है—यह केवल कूटनीति नहीं, एक भावनात्मक संदेश भी है।
अब सवाल यह है कि क्या इजरायल की यह कार्रवाई मध्य-पूर्व को एक और युद्ध की ओर धकेल सकती है?