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ईरान-इस्राइल टकराव चरम पर: परमाणु वैज्ञानिकों की मौत, 100 से ज्यादा ड्रोन हमले, भारत ने जताई चिंता
मध्य पूर्व में तनाव अब खतरनाक मोड़ पर पहुंच गया है।
इस्राइली रक्षा बल (IDF) द्वारा ईरान पर किए गए एयरस्ट्राइक के बाद, ईरान ने पलटवार करते हुए इस्राइल की ओर 100 से ज्यादा ड्रोन दागे हैं। यह हमला क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरे की घंटी माना जा रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्राइली वायुसेना ने तेहरान के आसपास स्थित कई परमाणु ठिकानों पर प्रीएम्पटिव एयरस्ट्राइक की, जिसमें कम से कम छह ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई। मृतकों में अब्दुलहामिद मिनोचेहर, अहमदरेज़ा ज़ोल्फ़ागरी, अमीरहुसैन फ़ेक़ी, मोटालेब्लिज़ादेह, मोहम्मद मेहदी तेहरानची और फ़ेरेदून अब्बासी शामिल हैं।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने 100 से ज्यादा ड्रोन इस्राइल की ओर भेजे, जो इराकी हवाई क्षेत्र से होते हुए इस्राइली सीमा की ओर बढ़े। जॉर्डन में खतरे के मद्देनज़र सायरन बजने लगे। इस्राइली सेना ने कहा है कि वे अपनी सीमा के बाहर ही इन ड्रोनों को इंटरसेप्ट कर रही है।
इस बीच, इस्राइल की इसरेयर एयरलाइन ने बेन गुरियन एयरपोर्ट से अपने विमानों को अन्यत्र स्थानांतरित कर दिया है। वहीं, इस्राइल स्थित अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों और उनके परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर रहने का निर्देश जारी कर दिया है।
भारत ने भी स्थिति पर गहरी चिंता जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि परमाणु ठिकानों पर हमलों और बढ़ते तनाव को देखते हुए भारत स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। विदेश मंत्रालय ने दोनों देशों से संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है।
भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह दोनों देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों को महत्व देता है और शांति बहाली के प्रयासों में हर संभव सहायता देने को तैयार है। साथ ही, क्षेत्र में रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन की सलाह मानने का आग्रह किया गया है।