
"10 मिनट की देरी ने बचा ली जान: भूमि नहीं चढ़ सकीं क्रैश हुए विमान में"
10 मिनट की देरी... और ज़िंदगी बच गई।
अहमदाबाद की रहने वाली भूमिका चौहान को लंदन जाना था। उन्होंने 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 से सफर करने की तैयारी की थी। टिकट बुक थी, बैग तैयार थे, और परिवार ने शुभकामनाएं भी दे दी थीं।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंज़ूर था।
शहर में अचानक लगे भीषण ट्रैफिक जाम की वजह से भूमिका एयरपोर्ट केवल 10 मिनट देर से पहुंचीं। जब वह एयरपोर्ट पहुंचीं, फ्लाइट के दरवाज़े बंद हो चुके थे। उन्हें फ्लाइट में बैठने की अनुमति नहीं मिली। वह निराश थीं, दुखी थीं, और फूट-फूट कर रोने लगीं।
लेकिन कुछ घंटों बाद जो खबर आई, उसने सब कुछ बदल दिया।
वही फ्लाइट—AI171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी—टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद क्रैश हो गई। हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई। केवल एक यात्री, रमेश विश्वास कुमार (सीट नंबर 11A) ही जीवित बच सके।
भूमि को जब यह खबर मिली, वह सन्न रह गईं। जिन आंसुओं में वो अपनी फ्लाइट छूटने का ग़म बहा रही थीं, अब वही आंसू उसकी जिंदगी बचने की दुआ में बदल गए।
वाकई, ये कहावत सच साबित हुई—
"जाको राखे साइयां, मार सके न कोय।"