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🔥 हीट स्ट्रोक का खतरा: पारा 45°C पार, शरीर कितनी गर्मी झेल सकता है? जानिए लक्षण, बचाव और इलाज

 

देश के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है। चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़े अब सिर्फ असहज नहीं, बल्कि जानलेवा बनते जा रहे हैं। इस भीषण गर्मी में सबसे बड़ा खतरा है हीट स्ट्रोक का — एक ऐसी मेडिकल इमरजेंसी जो अगर समय रहते नहीं रोकी गई, तो जान पर बन सकती है।

हीट स्ट्रोक क्या है?

जब शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर पहुंच जाए और शरीर खुद को पसीने के ज़रिए ठंडा न रख पाए, तब यह स्थिति हीट स्ट्रोक कहलाती है। यह स्थिति न केवल गंभीर होती है, बल्कि कई बार जान भी ले सकती है।

शरीर कितनी गर्मी सह सकता है?

एक स्वस्थ शरीर सामान्य रूप से 37°C का तापमान बनाए रखता है।

40°C के बाद शरीर की तापमान नियंत्रक प्रणाली गड़बड़ाने लगती है।

41°C और उससे ऊपर दिमाग, दिल, किडनी और मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है।

45°C पर अगर शरीर कूल नहीं हो पाया, तो मौत का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है।

हीट स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं?

शरीर अत्यधिक गर्म हो जाए और पसीना न आए

सिर दर्द, चक्कर आना, उलझन या बेहोशी

तेज दिल की धड़कन, सांस फूलना

मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी

मतली या उल्टी

त्वचा लाल और सूखी महसूस होना

तेज बुखार (40°C या उससे अधिक)