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प्राकृतिक आपदाएं वैश्विक खतरा: पीएम मोदी ने तटीय और द्वीपीय देशों के लिए चेताया, छोटे समुद्री देशों पर खास ध्यान देने की अपील

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि तटीय इलाके और द्वीपीय क्षेत्र प्राकृतिक आपदाओं के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील हैं। हाल के दिनों में दुनियाभर में टाइफून और चक्रवाती तूफानों ने भारी तबाही मचाई है।

पीएम मोदी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन "Disaster Resilient Infrastructure 2025" को संबोधित कर रहे थे, जो पहली बार यूरोप में आयोजित हो रहा है। उन्होंने फ्रांस के राष्ट्रपति और सरकार को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और आगामी संयुक्त राष्ट्र समुद्री सम्मेलन के लिए शुभकामनाएं भी दीं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अफ्रीकी संघ की भागीदारी स्वागत योग्य है। हमें ऐसे कार्यक्रम तैयार करने होंगे जिन पर तत्काल कार्रवाई हो सके और विकासशील देशों को वित्तीय सहायता मिल सके। उन्होंने चेतावनी प्रणाली को मज़बूत करने और अंतरराष्ट्रीय समन्वय की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

पीएम मोदी ने कहा, भारत, बांग्लादेश, कैरेबियाई देश, दक्षिण-पूर्व एशिया, अमेरिका, फिलीपींस और पेराग्वे — ये सभी हाल के समय में तूफानों की चपेट में आ चुके हैं। इन आपदाओं से जीवन और संपत्ति को भारी नुकसान हुआ है।

एक और महत्वपूर्ण टिप्पणी आई पीएम के प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा की ओर से, जिन्होंने जिनेवा में बढ़ते तापमान पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि बढ़ता तापमान अब एक वैश्विक संकट बन गया है। यह न सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य बल्कि आर्थिक स्थिरता और पर्यावरणीय संतुलन के लिए भी गंभीर खतरा पैदा कर रहा है।

उन्होंने UNDRR की पहल — "कॉमन फ्रेमवर्क फॉर एक्सट्रीम हीट रिस्क गवर्नेंस" — का समर्थन करते हुए कहा कि इस वैश्विक चुनौती से निपटने के लिए आपसी सहयोग और साझा ज्ञान ज़रूरी है।