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ब्लास्ट प्रूफ स्टील से बना चिनाब पुल, DRDO की तकनीक से धमाके भी बेअसर

जम्मू-कश्मीर की वादियों में बना भारत का गौरव – चिनाब रेल पुल – अब सिर्फ ऊंचाई ही नहीं, बल्कि सुरक्षा के मामले में भी इतिहास रच चुका है।

359 मीटर की ऊंचाई और 1315 मीटर लंबाई वाला यह पुल एफिल टावर से भी ऊंचा है, और इसकी सबसे बड़ी खासियत है — यह ब्लास्ट प्रूफ स्टील से बना है।

विशेषज्ञों के मुताबिक, 40 से 50 किलोग्राम तक टीएनटी (TNT) विस्फोटक भी इस पुल को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। धमाका चाहे पुल के ऊपर हो या पिलर के पास — यह संरचना इतनी मजबूत है कि रेलवे संचालन बाधित नहीं होगा।

🚄 इस पुल के निर्माण में 28,660 मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है।
💡 इसकी आयु लगभग 125 साल मानी गई है।
🛡️ और सुरक्षा? वो है डीआरडीओ की अचूक प्लानिंग का नतीजा।

कोंकण रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर आर. आर. मलिक बताते हैं कि पुल की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय एजेंसियों के साथ लंबी चर्चा हुई। हर संभावित खतरे को ध्यान में रखकर इसकी नींव और पिलर तैयार किए गए हैं।

इसलिए अगर कोई आतंकी संगठन इसे निशाना बनाने की सोचता है, तो उन्हें भारी निराशा होगी।
👉 इतनी मात्रा में टीएनटी यहां लाना ही मुश्किल है, और अगर लाया भी जाए, तो पुल की संरचना उसे झेलने में सक्षम है
शायद कुछ बाहरी परतें क्षतिग्रस्त हों, लेकिन ट्रेनों की आवाजाही जारी रह सकती है।

🔧 चिनाब नदी पर बना यह आर्क शेप वाला पुल, न सिर्फ इंजीनियरिंग का चमत्कार है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा क्षमता और तकनीकी आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक बन गया है।