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कोरोना का कोई भी वैरिएंट हो बेअसर, इस उपाय से घटता है संक्रमण और मौत का खतरा: अध्ययन

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि देश में कोरोना वायरस के मामलों में हालिया वृद्धि चिंताजनक नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, अधिकांश लोगों में या तो टीकाकरण के माध्यम से या पूर्व में हो चुके संक्रमण के कारण वायरस से मुकाबले की पर्याप्त प्रतिरक्षा क्षमता विकसित हो चुकी है।

टीकाकरण ने न केवल संक्रमण के प्रभाव को कम किया है, बल्कि बड़ी संख्या में लोगों की जान भी बचाई है। विशेषज्ञों ने बताया कि समय के साथ वैक्सीन से बनी प्रतिरक्षा भले ही कुछ कमजोर हो सकती है, लेकिन यह अब भी संक्रमण की स्थिति में वायरस को पहचानने और उससे लड़ने में सहायक साबित होती है।

हाल ही में प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन में बताया गया है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन ने बेल्जियम में वर्ष 2021 से 2023 के बीच 65 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों में करीब 12,806 मौतों को टाला है। यह डेटा यह दर्शाता है कि वैक्सीन संक्रमण की गंभीरता को रोकने में अत्यंत प्रभावी रही है।

कोरोना वायरस को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि इसके समाप्त होने की कोई निश्चित समय-सीमा नहीं बताई जा सकती, क्योंकि यह वायरस समय-समय पर म्यूटेशन के माध्यम से नए वैरिएंट के रूप में सामने आता है। पिछले एक माह से ऐसे ही नए मामलों में धीरे-धीरे वृद्धि देखी गई है।

फिर भी, विशेषज्ञों ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क रहें, आवश्यकता अनुसार मास्क पहनें, भीड़-भाड़ से बचें और कोविड उपयुक्त व्यवहार अपनाएं।