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आदर्श सोसायटी की संपत्तियों की बिक्री पर प्रतिबंध, वित्त विभाग के संयुक्त सचिव का आदेश

आदर्श को-ऑपरेटिव सोसायटी घोटाले को लेकर राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोसायटी की संपत्तियों के हस्तांतरण, बिक्री और पंजीयन पर रोक लगा दी है। वित्त विभाग के संयुक्त सचिव डॉ. खुशाल यादव द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह रोक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की अनुमति के बिना प्रभावी रहेगी।

इस आदेश के तहत सिरोही, जोधपुर और उदयपुर के कलेक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इस रोक का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें। आदेश में कहा गया है कि जब्तशुदा अचल संपत्तियों का किसी भी प्रकार से ट्रांसफर, बिक्री या रजिस्ट्री नहीं की जा सकेगी, जब तक ईडी की पूर्व स्वीकृति प्राप्त न हो।

यह निर्णय उस समय लिया गया है जब सिरोही के बहुचर्चित घोटाले में यह तथ्य सामने आया कि सोसायटी से जुड़ी संपत्तियों का म्यूटेशन लिक्विडेटर के नाम पर खोल दिया गया था, जबकि उन पर पहले से ही ईडी की रोक थी। इस मुद्दे को पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने प्रमुखता से उठाया था। उन्होंने ईडी निदेशक, मुख्यमंत्री और अन्य उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की थी।

लोढ़ा ने आरोप लगाया था कि राजस्व अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर 22 बीघा जमीन का म्यूटेशन खोल दिया, जिससे इसे औने-पौने दामों पर नीलाम करने का रास्ता खुल सकता था। उन्होंने इस पूरे मामले में जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका भी जताई थी।

शिकायत के बाद वित्त विभाग ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं, ताकि घोटाले से जुड़ी संपत्तियों के किसी भी प्रकार के लेन-देन को रोका जा सके और कानून का उल्लंघन न हो।