
नाटक सिन्दूर का भव्य मंचन, कलाकारों ने दशकों का मन मोहा लिया
नाट्यकला समाज का दर्पण है, जो चेतना और परिवर्तन का माध्यम बनती है- सोनी
अजमेर 03 जून। नाट्य कला को समर्पित आधुनिक नाट्य कला संस्थान् एवं लाखन सिंह मिनी थियेटर द्वारा प्रस्तुत नाटक सिन्दूर का भव्य मंचन हुआ। जिसमें सभी कलाकारों ने अपने अभिनय से वाहवाही लूटी।
नाटक में विकल्प सिंह, उज्ज्वल मित्रा, पवन जोशी, होशिका भाटिया, महिमा शर्मा, अंकित जादम, संदीप साहू, काव्यांश वैष्णव, अरनव आर्य, अनन्या आर्य, अथर्व सिंह, अहाना श्रीवास्तव, एवं राहुल सिंह ने बेहतरीन अभिनय किया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री रमेश सोनी ने अपने संबोधन में कहा कि नाटक के माध्यम से पाकिस्तान की 1948 से लेकर पहलगाम तक की नापाक हरकतों पर भारत ने किस तरह से मुह तोड़ जवाब दिया उसका व्यंग पूर्ण चित्रण किया। संवादों द्वारा बताया की जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होगा और पी.ओ.के. पर बात नही होती तब तक पानी की एक एक बूँद को पाकिस्तान तरसेगा।
छोड़ो कल की बातें कल की बात पूरानी सुन लो पाकिस्तानी हम है हिन्दुस्तानी गीतो के माध्यम से नाटक में बताया कि पुलवामा और पहलगाम नासूर भूला सकते नही हम अपनी आजादी को हर गिज़ भुला सकते नही। गीतों पर दर्शको ने खुब तालिया बजाई और देश भक्ति के नारे भी लगाए।
इस अवसर पर सुभाष खंडेलवाल ने कहा कि एक अच्छा नाटक मनुष्य की अंतरात्मा को झकझोरता है, और कलाकार, निर्देशक, लेखक सभी मिलकर समाज की अनकही कहानियों को मंच पर जीवंत करते हैं। यह साधना, समर्पण और सृजनात्मकता का संगम है।
कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के.सी. टेलर व डॉ. भरत छबलानी, डॉ. हरबंस सिंह दुआ, विष्णु अवतार भार्गव सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र भारद्वाज ने किया। संस्था अध्यक्ष ने सभी का आभार व्यक्त किया।