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मणिपुर में सरकार गठन की कवायद तेज़, एनडीए ने 44 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा, फैसला अब राज्यपाल पर

मणिपुर में सरकार गठन को लेकर हलचल तेज़ हो गई है। राज्य में लंबे समय से जारी राजनीतिक संकट के बीच एनडीए के विधायकों ने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। भाजपा नीत एनडीए के 10 विधायक इंफाल स्थित राजभवन पहुंचे और राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को समर्थन पत्र सौंपा। एनडीए ने 44 विधायकों के समर्थन का दावा किया है।

राजभवन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के 8, एनपीपी के 1 और एक निर्दलीय विधायक शामिल थे। विधायक राधेश्याम ने कहा, "हमारे पास 44 विधायकों का समर्थन है। सभी भाजपा विधायक एक स्थिर और लोकप्रिय सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल से अनुरोध कर रहे हैं कि बहुमत के आधार पर जल्द फैसला लिया जाए।

निर्दलीय विधायक निशिकांत सिंह ने कहा, "लोग चाहते हैं कि मणिपुर में स्थिर और लोकप्रिय सरकार बने। यही कारण है कि हम राज्यपाल से मिले हैं। उम्मीद है जल्द ही सरकार का गठन होगा।"

इससे पहले, मणिपुर में जारी अशांति और अनिश्चितता को देखते हुए 21 विधायकों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर शांति बहाल करने के लिए एक लोकप्रिय सरकार के गठन की अपील की थी। इस पत्र पर भाजपा के 13, एनपीपी और नगा पीपुल्स फ्रंट के 3-3 और दो निर्दलीय विधायकों के हस्ताक्षर थे।

गौरतलब है कि मणिपुर में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य में मई 2023 से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा के चलते 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था, जिसके बाद से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है। राज्य विधानसभा का कार्यकाल 2027 तक है, लेकिन वर्तमान में यह निलंबित है।