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बीएसएफ के 'विध्वंसक' राइफल और स्वचालित ग्रेनेड लॉन्चर से कांपा पाकिस्तान, ताकत का हुआ प्रदर्शन

बीएसएफ ने मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान बीएसएफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी लॉन्च पैड्स और चौकियों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया। बीएसएफ ने घोषणा की कि ऑपरेशन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए अपने जवानों की याद में दो पोस्ट का नामकरण उनके नाम पर करने का प्रस्ताव भेजा गया है, वहीं एक पोस्ट का नाम 'सिंदूर' रखने का प्रस्ताव भी भेजा गया है।

ऑपरेशन सिंदूर में बीएसएफ के हथियारों का प्रदर्शन

बीएसएफ ने ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए एंटी-मटेरियल राइफल 'विध्वंसक' और स्वचालित ग्रेनेड लॉन्चर का प्रदर्शन किया। बीएसएफ कर्मियों के मुताबिक,

'विध्वंसक' राइफल की रेंज 1300 से 1800 मीटर तक है, और इसने दुश्मन के टावरों और बंकरों को सफलतापूर्वक नष्ट किया।

स्वचालित ग्रेनेड लॉन्चर की रेंज 1700-2100 मीटर है, और यह दुश्मन की चौकियों, बंकरों और बुलेटप्रूफ वाहनों को निशाना बनाने में कारगर साबित हुआ। इससे दागे गए ग्रेनेड का मारक क्षेत्र 10 मीटर तक होता है, और यह ऑपरेशन सिंदूर में निर्णायक हथियार साबित हुआ।

ऑपरेशन की पूरी कार्यवाही

BSF DIG एसएस मंड ने बताया,

"8 मई 2025 को निगरानी के दौरान सीमा पार 40-50 लोगों की संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। एहतियातन कार्रवाई के तहत हमने हमला किया। इसके बाद पाकिस्तान ने हमारी चौकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका बीएसएफ ने भी करारा जवाब दिया। हमारे इनपुट्स के अनुसार, इस कार्रवाई में कई आतंकी, उनके समर्थक, पाकिस्तानी रेंजर्स और अधिकारी घायल हुए हैं।"

IG BSF जम्मू शशांक आनंद ने बताया,

"9-10 मई को पाकिस्तान ने जम्मू के अखनूर सेक्टर में हमारी चौकियों पर भारी गोलीबारी की। बीएसएफ ने योजनाबद्ध तरीके से पाकिस्तान के लूनी आतंकी लॉन्च पैड को निशाना बनाकर उसे नष्ट कर दिया।"

आरएस पुरा सेक्टर के BSF DIG चित्तर पाल ने बताया,

"9 मई को पाकिस्तान ने हमारे कई पोस्ट्स पर फ्लैट ट्रैजेक्टरी हथियारों और मोर्टार से हमला किया। उन्होंने हमारे गांव अब्दुलियान को भी निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई में बीएसएफ ने मस्तपुर में पाकिस्तान के आतंकी लॉन्च पैड को ध्वस्त कर दिया।"

महिला जवानों की बहादुरी

बीएसएफ ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अग्रिम मोर्चों पर महिला जवानों ने भी बड़ी भूमिका निभाई।

सहायक कमांडेंट नेहा भंडारी ने एक अग्रिम चौकी की कमान संभाली।

कांस्टेबल मंजीत कौर, मलकीत कौर, ज्योति, सम्पा और स्वप्ना ने अग्रिम पोस्ट पर मोर्चा संभालते हुए अदम्य साहस का परिचय दिया।