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लुधियाना से कालीगंज तक उपचुनाव की जंग: कहां, किस सीट पर क्यों मुकाबला? कौन-कौन आमने-सामने और क्या है दांव पर

चुनाव आयोग ने चार राज्यों की पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। लेकिन जम्मू-कश्मीर की नगरोटा और बडगाम सीटों के उपचुनाव की घोषणा अब भी नहीं हुई है, जो अक्तूबर 2024 से खाली हैं।

चलिए जानते हैं – किन-किन राज्यों की कौन-कौन सी सीटें खाली हैं, उपचुनाव क्यों जरूरी हो गया, और इसमें कौन-कौन से चेहरे आमने-सामने हैं।

उपचुनाव की तारीखें:

चुनाव: 19 जून 2025

मतगणना: 23 जून 2025

उपचुनाव की वजहें और उम्मीदवार:

1. गुजरात

कड़ी सीट: भाजपा विधायक करसनभाई पुंजाभाई सोलंकी के 4 फरवरी 2025 को कैंसर से निधन के बाद यह सीट खाली हुई।

विसवादर सीट: आम आदमी पार्टी के विधायक भूपेंद्र भयानी ने दिसंबर 2023 में पार्टी छोड़कर भाजपा जॉइन कर ली। एक कानूनी विवाद के चलते यह सीट खाली रही, और अब उपचुनाव की नौबत आई है।

2. केरल

निलंबूर सीट: एलडीएफ समर्थित विधायक पीवी अनवर ने 13 जनवरी 2025 को तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। इस पार्टी बदलने के चलते उनकी सीट पर उपचुनाव जरूरी हो गया।

3. पंजाब

लुधियाना पश्चिम सीट: कांग्रेस विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी की जनवरी 2025 में अपनी ही बंदूक से चली गोली लगने से मौत हो गई। इस दुखद घटना के बाद सीट खाली हुई।

4. पश्चिम बंगाल

कालीगंज सीट: तृणमूल कांग्रेस विधायक नसीरुद्दीन अहमद का फरवरी 2025 में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। पार्टी ने उनके निधन के बाद उनकी बेटी अलीफा अहमद को उपचुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है।

क्या दांव पर है?

इन उपचुनावों में हर पार्टी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है।

भाजपा: गुजरात में अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश करेगी।

आप: विसवादर में अपनी खोई सीट वापस लाना चाहेगी।

टीएमसी: केरल में नए सियासी समीकरण बनाने की ओर बढ़ रही है।

कांग्रेस: पंजाब की सीट बचाना उसके लिए जरूरी है।

टीएमसी (बंगाल): अपनी परंपरागत सीट कालीगंज पर फिर से कब्जा जमाना चाहेगी।

जम्मू-कश्मीर की सीटों का क्या होगा?

नगरोटा और बडगाम सीटें अक्तूबर 2024 से खाली हैं, लेकिन इन पर उपचुनाव की तारीख अब तक घोषित नहीं हुई है।