
कोटा में छात्रों की आत्महत्याएं: सुप्रीम कोर्ट ने जताई गंभीर चिंता, राज्य सरकार से मांगा जवाब
राजस्थान के कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को गहरी चिंता जताई। शीर्ष अदालत ने इस मामले को "बेहद गंभीर" बताया और राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई।
जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने पूछा कि "कोटा में ही छात्र क्यों आत्महत्या कर रहे हैं? राज्य सरकार इस दिशा में क्या कदम उठा रही है?"
कोर्ट ने यह टिप्पणी तब की जब वह IIT खड़गपुर के एक 22 वर्षीय छात्र की आत्महत्या के मामले की सुनवाई कर रही थी। इस मामले में एफआईआर दर्ज करने में चार दिन की देरी हुई, जिस पर भी अदालत ने नाराजगी जाहिर की।
कोर्ट की टिप्पणी:
"इन चीजों को बिल्कुल भी हल्के में मत लीजिए। यह बेहद गंभीर विषय है।"
राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि कोटा में छात्रों की आत्महत्याओं की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है।
सुनवाई के दौरान अदालत ने नीट की तैयारी कर रही एक छात्रा के आत्महत्या मामले का भी जिक्र किया, जो कोटा में अपने माता-पिता के साथ रह रही थी। कोर्ट ने याद दिलाया कि उच्च न्यायालय ने पहले ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने का निर्देश दिया था।