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मातृ भाषा नन्ही नन्ही नाजुक कलियों को अपनी संस्कृति से जोड़ती है। महन्त स्वरूपदास उदासी ने अरबी सिन्धी कक्षाओं में सन्देश दिया।
अजमेर ( 22 अप्रेल ) राजस्थान सिन्धी अकादमी, जयपुर के सहयोग से एक माह के लिए ग्रीष्मकालीन अवकाश में अरबी सिन्धी कक्षाओं का आयोजन समाज सेवी संस्था सुधार सभा द्वारा आज दिंनाक 22.05.2025 को प्रातः 9.00 बजें आशा गंज स्थित हरीसुन्दर बालिका उ.मा. विद्यालय में महन्त स्वरूपदास उदासी द्वारा ज्योति प्रजवल्ल आए हुए शिक्षार्थियों को अपने सन्देंश में कहा कि अपनी मातृ भाषा को कभी भी भूलना नहीं चाहिए। अपनी भाषा और संस्कृति की रक्षा के लिए प्रत्येक का कर्तव्य है कि मातृ भाषा में बातचीत करें। आए हुए समस्त शिक्षार्थियों, अभिभावकों, पत्रकार, गुरूजन , समाज सेवी गणमान्य शुभचिन्तकों से ”माँ सिन्धी आहिया“ की शपथ दिलवायी गई। स्वामीजी ने आश्रम की ओर से कापिया, पेन, प्रसाद दिया। कार्यक्रम में हिमांशी शर्मा, दिक्षा बालानी, दिशा थावानी, विशाखा बालानी ने ”सिन्धी अबाणी बोली, भव्या, रूही ने पैसों लधों पटमा, ज्योति शर्मा उहो वीर थिए, मुहिजी नानी कविताए, पलक थावानी ने सिन्धी में शपथ दिलाई। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार ड़ॉ कमला गोकलानी ने कहा - हमारी तीन माताएं है एक माँ जिन्होनें हमें जन्म दिया, दूसरी धरती माँ जिन्होने हमें पाला और तीसरी हमारी मातृ भाषा जिन्होनें हमें संस्कृति से जोड़ा और पहचान दी। महेन्द्र कुमार तीर्थाणी, महेश टेकचन्दानी, पत्रकार गोविन्द मनवानी, दयाल शेवानी, किशनचन्द गुरबानी, पुरूषोतम देवनानी, रूकमणी वतवानी, हरीश शेवानी , खेमचन्द नारवानी नरेन्द्र सोनी, महेश साधनानी , कोैशल्या सावनानी इत्यादि शहर के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थें। सुधार सभा की महासचिव महेश्वरी गोस्वामी ने समस्त आगुन्तकों को धन्यवाद ज्ञापित किया । यह सूचना सुधार सभा के जनसपर्क अधिकारी श्री पुरूषौŸाम देवनानी ने दी।