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अमेरिका की 'गोल्डन डोम' योजना: किस खतरे से बचाव को ट्रंप खर्च करेंगे 14.5 लाख करोड़

गोल्डन डोम: ट्रंप की नई मिसाइल सुरक्षा प्रणाली क्या है और अमेरिका को इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल मार्च में संसद में अपने भाषण के दौरान एक महत्वाकांक्षी रक्षा परियोजना की घोषणा की थी—गोल्डन डोम मिसाइल डिफेंस शील्ड। अब, उन्होंने इसके निर्माण को हरी झंडी दे दी है। यह सिस्टम इस्राइल के प्रसिद्ध आयरन डोम की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, लेकिन कई मायनों में इससे कहीं अधिक आधुनिक और व्यापक होगा।

गोल्डन डोम आखिर है क्या?

गोल्डन डोम एक उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसका उद्देश्य अमेरिकी आकाश को दुश्मन देशों द्वारा छोड़ी गई मिसाइलों, हाइपरसोनिक हथियारों और अंतरिक्ष से किए जाने वाले हमलों से सुरक्षित रखना है। ट्रंप ने इसे 'ऐतिहासिक कदम' बताते हुए कहा कि यह वही सपना है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन "स्टार वार्स प्रोग्राम" के रूप में देख चुके थे। फर्क सिर्फ इतना है कि अब तकनीक अमेरिका के पास मौजूद है।

अमेरिका को इसकी जरूरत क्यों पड़ी?

हाल के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा परिदृश्य में तेजी से बदलाव आया है। रूस, चीन, उत्तर कोरिया और ईरान जैसे देशों ने लंबी दूरी की मिसाइलों और अत्याधुनिक हथियारों पर जबरदस्त निवेश किया है। कई हथियार ऐसे हैं, जो पारंपरिक रडार सिस्टम की पकड़ में नहीं आते। इसके अलावा, हाइपरसोनिक मिसाइलें इतनी तेज होती हैं कि पारंपरिक रक्षा तंत्र उन्हें रोक नहीं पाता।

हालांकि अमेरिका के पास पहले से ही एक विशाल रक्षा नेटवर्क मौजूद है—जैसे कि अटलांटिक और प्रशांत महासागर में यूएस फ्लीट फोर्सेस, और विश्वभर में फैले सैन्य बेस। फिर भी कई 'ब्लाइंड स्पॉट' ऐसे हैं, जहां अमेरिकी सुरक्षा कमजोर साबित हो सकती है। यही वजह है कि ट्रंप प्रशासन ने पूरे देश को एक 'डिजिटल छत' देने वाली प्रणाली की योजना बनाई है।

क्या अंतर है गोल्डन डोम और इस्राइल के आयरन डोम में?

विशेषताआयरन डोम (इस्राइल)गोल्डन डोम (अमेरिका)
प्रमुख कार्यरॉकेट और मोर्टार हमलों को रोकनालंबी दूरी की मिसाइल और अंतरिक्ष-आधारित हमलों से रक्षा
दायरासीमित क्षेत्रीय कवरेजराष्ट्रीय और वैश्विक कवरेज
तकनीकरडार-गाइडेड इंटरसेप्टर्सएआई, सैटेलाइट्स और लेज़र टेक्नोलॉजी
स्थानजमीन आधारितज़मीन + अंतरिक्ष आधारित

 

इस्राइल का आयरन डोम अपेक्षाकृत छोटे भूभाग पर आने वाले रॉकेट हमलों से रक्षा करने में सक्षम है, जबकि गोल्डन डोम अमेरिका के व्यापक भूभाग और वायु क्षेत्र को अंतरमहाद्वीपीय खतरों से बचाने के लिए तैयार किया जा रहा है। यह प्रणाली कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), सैटेलाइट नेटवर्क और लेज़र तकनीक का उपयोग कर सकती है।

क्या यह अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ को बढ़ावा देगा?

गोल्डन डोम की योजना को लेकर यह चिंता भी उठ रही है कि यह सिस्टम अंततः अंतरिक्ष को एक युद्धक्षेत्र में बदल सकता है। अमेरिकी अधिकारियों का दावा है कि यह प्रणाली पूरी तरह से 'डिफेंसिव' यानी रक्षात्मक होगी, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे रूस और चीन जैसे देशों की प्रतिक्रिया भी तीव्र हो सकती है।