
"संघर्षों से बनी अभिनेत्री: रुखसार रहमान की ज़िंदगी की सच्ची दास्तान
मनोरंजन जगत की चमक-धमक के पीछे कई बार एक गहरा अंधेरा छिपा होता है, और अभिनेत्री रुखसार रहमान की कहानी इसका एक सटीक उदाहरण है। ‘सरकार’, ‘पीके’, ‘उरी’, और ‘83’ जैसी फिल्मों में अपनी छवि छोड़ चुकीं रुखसार का फिल्मी सफर जितना प्रेरणादायक है, उतना ही संघर्षपूर्ण भी।
बचपन से ही थी अभिनय की ललक
रुखसार रहमान का बचपन से ही सपना था एक बड़ी अभिनेत्री बनने का। उन्होंने महज 17 साल की उम्र में दीपक आनंद की फिल्म 'याद रखेगी दुनिया' (1992) से बॉलीवुड में कदम रखा। इसके बाद ऋषि कपूर के साथ 'इंतेहा प्यार की' में नजर आईं। लेकिन ठीक उसी समय उनके जीवन ने एक तीखा मोड़ लिया।
परिवार का दबाव, करियर पर विराम
फिल्मों में शुरुआत के बाद जब रुखसार का करियर रफ्तार पकड़ने ही वाला था, तभी उनके माता-पिता ने समाजिक दबावों के चलते उन्हें अभिनय छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। परिवार के निर्णय के आगे झुकते हुए रुखसार ने 17 साल की उम्र में शादी कर ली। दो साल बाद, 19 की उम्र में उन्होंने बेटी आयशा को जन्म दिया।
घुटन भरी शादी से निकलीं, शुरू की नई जिंदगी
रुखसार की शादीशुदा जिंदगी आसान नहीं थी। उन्होंने कई तरह की मानसिक और पारिवारिक समस्याओं का सामना किया। जब हालात असहनीय हो गए, तो उन्होंने एक साहसी कदम उठाया। महज आठ महीने की बेटी को गोद में लेकर उन्होंने पति का घर छोड़ दिया और एक नई जिंदगी की तलाश में निकल पड़ीं।
संघर्ष के बाद फिर फिल्मों में वापसी
बेटी की परवरिश और अपनी पहचान की जंग एक साथ लड़ने वाली रुखसार ने कभी हार नहीं मानी। कई सालों तक कड़ी मेहनत और आत्मबल के साथ उन्होंने मनोरंजन जगत में दोबारा वापसी की। टीवी शोज़, कैमियो रोल्स और आखिरकार बड़ी फिल्मों में काम करते हुए उन्होंने खुद को एक सशक्त अभिनेत्री के रूप में स्थापित किया।
आज हैं प्रेरणा का स्रोत
रुखसार रहमान की कहानी उन लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, जो जीवन की चुनौतियों से हार मानने की बजाय उनका सामना करती हैं। अपनी मेहनत, साहस और आत्मसम्मान के दम पर उन्होंने साबित कर दिया कि हालात चाहे जैसे भी हों, अगर हौसला हो तो कुछ भी मुमकिन है।