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कतर के गिफ्ट से हिली अमेरिकी खुफिया एजेंसी: लग्जरी विमान बना चिंता का कारण

अरब देश कतर की ओर से अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को एक आलीशान बोइंग 747 विमान बतौर तोहफा देने की खबर ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। यह विमान जितना शानदार है, उतनी ही बड़ी सुरक्षा चुनौतियों से भी भरा हुआ माना जा रहा है।


कतर के पूर्व प्रधानमंत्री और शाही परिवार के सदस्य हमाद बिन जसीम बिन जबेर अल थानी द्वारा साल 2012 में बनवाया गया यह बोइंग 747 जंबो जेट अब अमेरिका की चर्चा का केंद्र बन गया है।

विमान की बात करें तो यह किसी उड़ते हुए महल से कम नहीं है। इसमें फ्रेंच डिज़ाइन इंटीरियर्स, हाथ से बुनी कालीनें, महंगी लकड़ियों का इस्तेमाल और मशहूर कलाकार अलेक्जेंडर काल्डर की कलाकृतियाँ शामिल हैं। विमान में एक मास्टर बेडरूम, बाथरूम, गेस्ट रूम, प्राइवेट लाउंज, ऑफिस, क्रू एरिया और लग्जरी लॉन्ज हैं – कुल मिलाकर 89 लोगों के बैठने की क्षमता वाला यह विशेष विमान तकनीक और ऐश्वर्य का अद्भुत मेल है।

लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की चिंता इस विमान की सजावट से नहीं, उसके अंदर छिपे संभावित खतरे से है। पूर्व सीआईए अधिकारी थैड ट्रॉय का कहना है कि विदेशी सरकारों द्वारा दिए गए ऐसे उपहारों में जासूसी उपकरणों की मौजूदगी एक आम आशंका होती है।


"अगर हमें पता हो कि कोई विमान किसी विदेशी नेता को दिया जा रहा है, तो हम उस पर निगरानी रखने की तैयारी करते हैं। सोवियत युग में हमने ऐसी कई छिपी डिवाइसेज़ देखी हैं।"

विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस विमान को अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक उपयोग में लाया जाना हो, तो इसे 'एयर फोर्स वन' जैसे उच्चस्तरीय सुरक्षा मानकों से लैस करना होगा – जिसमें ब्लास्ट प्रोटेक्शन, इन-फ्लाइट फ्यूलिंग, सुरक्षित संचार और हथियार प्रणाली शामिल हैं। इन तकनीकी बदलावों में महीनों नहीं, बल्कि सालों लग सकते हैं।

इसलिए, सवाल ये है कि क्या ट्रंप इस ‘उपहार’ को स्वीकार करेंगे, या इसे एक संभावित सुरक्षा खतरे के रूप में खारिज कर देंगे?


एक ओर भव्यता से भरपूर तोहफा, दूसरी ओर खुफिया जोखिम का खतरा – ट्रंप के सामने एक मुश्किल चुनाव है।

क्या यह विमान अमेरिकी एयरस्पेस में उड़ान भर पाएगा, या रह जाएगा सिर्फ एक राजनयिक ‘गेस्चर’? फ़िलहाल, अमेरिकी एजेंसियां इसकी हर परत की बारीकी से जांच कर रही हैं।