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अस्थमा रोगियों के लिए फायदेमंद योग: नियमित अभ्यास से पाएं साँस की तकलीफ में आराम

अस्थमा: लक्षण, कारण और योग से राहत

अस्थमा एक दीर्घकालिक श्वसन रोग है, जो शरीर के वायुमार्ग को प्रभावित करता है। यह रोग वायुमार्ग की सूजन और संकुचन के कारण होता है, जिससे सांस लेने में परेशानी, खांसी, घरघराहट और सीने में जकड़न जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

अस्थमा के प्रमुख लक्षण:

सांस लेने में तकलीफ

बार-बार खांसी आना

छाती में जकड़न

सांस लेने पर सीटी जैसी आवाज

श्वसन रोग विशेषज्ञों के अनुसार, अस्थमा से पीड़ित लोगों को इसके जोखिम कारकों जैसे धूल, धुआं, एलर्जी, प्रदूषण और मौसमी बदलाव से बचना चाहिए। समय पर लक्षणों की पहचान और उचित इलाज न होने पर यह स्थिति गंभीर हो सकती है।

अस्थमा में योग की भूमिका

योग न केवल फेफड़ों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है, बल्कि यह श्वसन तंत्र को मजबूत करने, तनाव कम करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को सक्रिय रखने में भी सहायक होता है। नियमित रूप से सही तरीके से किए गए योगासनों से अस्थमा के लक्षणों में राहत मिल सकती है।

भुजंगासन (Cobra Pose) – अस्थमा में लाभकारी

भुजंगासन एक प्रभावी योगासन है जो फेफड़ों को ताकत देने के साथ-साथ श्वास लेने की क्षमता को भी बढ़ाता है।

अभ्यास की विधि:

पेट के बल लेट जाएं।

हथेलियों को कंधों के नीचे रखें।

गहरी सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी भाग को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।

नाभि नीचे ही रखें और छाती को खोलें।

इस स्थिति में 10-20 सेकंड तक रहें।

फिर धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।

इस आसन को दिन में 10-15 बार नियमित रूप से करें।

निष्कर्ष:
अस्थमा को पूरी तरह ठीक भले न किया जा सके, लेकिन सही जीवनशैली, योग और सतर्कता से इसके लक्षणों को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करके श्वसन स्वास्थ्य को बेहतर बनाना एक सुरक्षित और प्राकृतिक उपाय है।