
अप्रैल में एफपीआई की खास पहल: भारतीय शेयरों में ₹10,000 करोड़ से ज्यादा डाले
2025 में पहली बार विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजार में सकारात्मक रुख दिखाया है। आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल महीने में एफपीआई ने भारतीय इक्विटी में 4,223 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया। यह संकेत है कि विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजारों में रुचि एक बार फिर से लौट रही है।
नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड यानी एनएसडीएल द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 28 अप्रैल से 2 मई के बीच एफपीआई ने भारतीय शेयर बाजारों में 10,073 करोड़ रुपये का निवेश किया। यह आंकड़ा बताता है कि महीनों की बिकवाली के बाद अब वे भारतीय बाजार में फिर से खरीदारी कर रहे हैं।
मार्च में एफपीआई ने 3,973 करोड़ रुपये की बिकवाली की थी, जबकि जनवरी और फरवरी में यह आंकड़ा क्रमशः 78,027 करोड़ और 34,574 करोड़ रुपये रहा। इस लिहाज से अप्रैल का महीना बाजार के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ है।
विश्लेषण:
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की आर्थिक स्थिति में मजबूती और वैश्विक बाजारों की स्थिरता ने एफपीआई को दोबारा आकर्षित किया है। हालांकि, भारत-पाकिस्तान सीमा पर हालिया तनाव ने बाजार की धारणा को थोड़ा प्रभावित किया है।
मार्केट अपडेट:
शुक्रवार को बीएसई सेंसेक्स 259 अंकों की मजबूती के साथ 80,501 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई निफ्टी मामूली बढ़त के साथ 24,346 अंकों पर बंद हुआ। दिन भर के कारोबार में सेंसेक्स ने 935 अंकों की उछाल भी देखी, लेकिन दिन के अंत में बढ़त सीमित रह गई।
रुपया और विदेशी मुद्रा बाजार:
विदेशी पूंजी प्रवाह और मजबूत घरेलू संकेतकों के चलते रुपये ने भी सात महीने का उच्चतम स्तर छू लिया। शुक्रवार को रुपया 84 के स्तर से नीचे गया, लेकिन अंत में डॉलर के मुकाबले 84.53 पर बंद हुआ।
क्लोजिंग लाइन:
हालांकि बाजार में वैश्विक और राजनीतिक अनिश्चितताओं के चलते उतार-चढ़ाव बना रह सकता है, लेकिन एफपीआई की वापसी निवेशकों के लिए एक सकारात्मक संकेत जरूर है।