
केंद्रीय शिक्षा मंत्री से शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधिमंडल की भेंट
विद्यालय एवं उच्च शिक्षा की समस्याओं के समाधान की मांग
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (ABRSM) के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान से नई दिल्ली में भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने इस दौरान स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा तथा राष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों से जुड़ी समस्याओं पर मंत्री जी के समक्ष विस्तार से चर्चा की और तीन अलग-अलग ज्ञापनों के माध्यम से उनके शीघ्र समाधान की मांग की।
विद्यालयी शिक्षा से जुड़े ज्ञापन में महासंघ ने देशभर में लाखों रिक्त पदों पर शिक्षकों और संस्थान प्रमुखों की नियमित नियुक्ति की आवश्यकता को रेखांकित किया। साथ ही शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखते हुए, वोटर कार्ड बनाने जैसे कार्यों को स्वतंत्र एजेंसियों से करवाने की मांग रखी गई। ज्ञापन में पुरानी पेंशन योजना की बहाली, देशभर में समान वेतनमान और सेवा शर्तें लागू करने, कैशलेस चिकित्सा सुविधा, सेवा निवृत्ति की आयु 65 वर्ष करने, समयबद्ध पदोन्नति सुनिश्चित करने, प्रारंभिक शिक्षकों को शैक्षिक परिषद में प्रतिनिधित्व देने तथा शिक्षा के व्यवसायीकरण पर अंकुश लगाने जैसी महत्वपूर्ण मांगें भी शामिल थीं।
उच्च शिक्षा के सन्दर्भ में महासंघ ने हाल ही में UGC द्वारा जारी उस अधिसूचना को वापस लेने की मांग की, जिसमें M.Phil/Ph.D धारकों के वेतन वृद्धि को समाप्त करने का निर्देश दिया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने यह भी बताया कि देश के कई उच्च शिक्षण संस्थानों में मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभावी क्रियान्वयन बाधित हो रहा है। 2025 के ड्राफ्ट बजट जटिलताओं पर महासंघ द्वारा पहले भेजे गए ज्ञापन पर कार्रवाई की भी मांग की गई। ज्ञापन में फैकल्टी डेवलेपमेंट प्रोग्राम की बहाली, सेवारत शिक्षकों को Ph.D में प्राथमिकता, अंडर ग्रेजुएट कॉलेजों को रिसर्च सेंटर की मान्यता तथा ड्यूल यूनिवर्सिटी एक्ट जैसे मामलों पर केंद्र सरकार से संशोधन की मांग की गई।
प्रतिनिधिमंडल ने मांग की कि राष्ट्रीय तकनीकी संस्थानों को भी CSIR ग्रांट्स की तर्ज पर AICTE से मान्यता प्राप्त कर अनुसंधान, शोध और परियोजना विकास को प्रोत्साहन मिले। साथ ही, सेवानिवृत्त शिक्षकों को CGHS के अंतर्गत चिकित्सा सुविधा प्रदान करने और पहले से स्वीकृत परंतु लंबित 'डिजिटल एमोल्युमेंट स्कीम' को लागू करने की मांग भी रखी गई।
शिक्षा मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने तीनों ज्ञापनों की विषयवस्तु को गंभीरतापूर्वक सुना और प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि प्रस्तुत की गई समस्याओं और सुझावों पर संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए जाएंगे।
प्रतिनिधिमंडल में महासंघ के अध्यक्ष प्रो. नयनपाल सिंह तोमर, महासचिव प्रो. गीता भट्ट, संगठन मंत्री श्री मनोज द्विवेदी, सह संगठन मंत्री श्री जे. यशवंत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष श्री मनोज कुमार, विद्यालय शिक्षा प्रमुख श्री शिवनंदन चतुर्वेदी, NIT कार्य प्रमुख प्रो. एम. के. झा, अतिरिक्त महासचिव श्री अच्युतानंद महतो एवं श्री मोहन पुरोहित सम्मिलित थे।