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परिवर्तन देखने से नहीं चलकर देखने से होता है - श्री जसवंत खत्री

सड़क गुणवत्ता निरीक्षण यात्रा के अन्तर्गत सडक सुरक्षा जन जागरण संगोष्ठी का हुआ आयोजन

परिवर्तन देखने से नहीं चलकर देखने से होता है - श्री जसवंत खत्री

सड़क गुणवत्ता निरीक्षण यात्रा के अन्तर्गत सडक सुरक्षा जन जागरण संगोष्ठी का हुआ आयोजन

     अजमेर 2 मई। सड़क गुणवत्ता निरीक्षण यात्रा के अन्तर्गत सडक सुरक्षा जन जागरण संगोष्ठी का आयोजन आईआईआई सेल हॉल राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में किया गया। इस अवसर पर सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (गुण नियंत्रण) श्री जसवंत खत्री ने विचार प्रकट किए।

     श्री खत्री ने कहा कि अजमेर तीर्थस्थली होने के साथ क्रांतिकारियों की नगरी है और यह प्रसन्नता का विषय है कि आज युवा तथा छात्र भी बदलाव की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा केवल निरीक्षण के लिये नहीं अपितु संवाद कार्यक्रम के लिये भी है। इसमें सभी के सुझाव लेकर सड़क की गुणवत्ता तथा सड़क की सुरक्षा बेहतर करने का प्रयास है। इस यात्रा में पॉलिटेक्निक के छा़त्रों को निरीक्षण के लिये सम्मिलित किया है। इससे एक ओर छात्रों को व्यवहारिक ज्ञान मिलेगा। उनके द्वारा निष्पक्ष रूप से बनाई गई रिपोर्ट सड़कों के स्तर को मजबूत करने में कारगर होगी।

     श्री खत्री ने आगे कहा कि परिवर्तन देखने से नहीं चलकर देखने से होता है। इसलिए यह यात्रा राज्यभर में निकाली गई है। उन्होनें कहा कि 26 जिलों में यात्रा पूर्ण हो चुकी है। प्रतिदिन हर जिले में लगभग 250 सड़कों का निरीक्षण किया जा रहा है। इसके लिये अलग-अलग टीमों का गठन भी किया गया है। इस टीम में विभाग के गुण नियंत्रण के अभियंता तथा पॉलिटेक्निक कॉलेज के दो-दो छात्र भी सम्मिलित किए गए हैं। यह यात्रा शून्य बजट यात्रा है। निरीक्षण कार्य निरंतर विभाग की प्रक्रिया का हिस्सा है। यात्रा के दौरान विभाग का विजन आम जनता तक पहुंचाते हुये सकारात्मक सुधार भी किया जा रहा है।

     अतिरिक्त मुख्य अभियंता श्री कौश्लेन्द्र भारद्वाज ने विचार प्रकट करते हुए कहा कि सड़कों का निर्माण जनता के उपयोग के लिये किया जाता है। विभाग के अभियंताओं का यह दायित्व होना चाहिए कि निर्मित सड़कें जनता के लिये पूर्ण रूप से उपयोगी साबित हो। उन सड़कों का रख रखाव करवाना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होने बताया कि इस यात्रा के दो प्रमुख उद्धेश्य सड़क निर्माण में परिकल्पना से लेकर निर्माण एवं उसके बाद डिफेक्ट लाइबिलटी पीरियड (दोष निवारण अवधि) के दौरान गुणवत्ता गारन्टी व सडकों के दोष रहित निर्माण से सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

     इस अवसर पर राजकीय पोलिटेक्निक महाविद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील जैन ने विचार प्रकट करते हुये कहा कि ऎसे प्रयास सार्वजनिक निर्माण विभाग के अलावा अन्य अभियांत्रिकी विभाग भी करेगें तो आमजन को इसका अधिक लाभ होगा। श्री जैन ने छात्रों को यात्रा में सम्मिलित होने पर एक सुअवसर बताते हुए कहा कि इससे सड़कों के निर्माण की विस्तृत जानकारी के साथ इसका रखरखाव का भी ज्ञान होगा। 

      सहायक अभियंता जलप्रभा चौधरी ने सड़क सुरक्षा के लिए 10 सुनहरे नियम, ट्रेफिक नियम के साधन, रोड साइनेज, चिह्न, छात्र छा़त्राओं की भूमिका एवं दायित्व पर अलग-अलग बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी दी। छात्रा निकिता राठौड़ ने कहा कि विभाग ने हमें यह सुनहरा अवसर दिया है एवं हम इस बदलाव के लिये तैयार हैं।

     महाविद्यालय प्रांगण में वृ़क्षारोपण किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। विभाग द्वारा हिन्दी भाषा में प्रकाशित आपणी सड़कां पुस्तक का विमोचन किया गया।

संगोष्ठी में विभाग के अधीक्षण अभियंता श्री गिर्राज प्रसाद गुप्ता, श्री राजेश मोदी, श्री अशोक तंवर, श्री अशोक कुमार खटीक, अधिशाषी अभियंता श्री राम सिंह मीना, श्री विपिन जिन्दल, श्री अनिल धोलिया, श्री हजारीलाल अग्रवाल, श्री रवि बंसल, महाविद्यालय के सरिता, सुरेश कुमार खींची सहित अधिकारीगण सम्मिलित थे।