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इंडिगो संकट के बीच एअर इंडिया की बड़ी तैयारी, 2026 तक यात्रियों को मिलेगा बदला हुआ यात्रा अनुभव

 

नई दिल्ली: देश में मौजूदा इंडिगो परिचालन संकट के बीच एअर इंडिया ने अपने बेड़े, सेवाओं और संचालन व्यवस्था में बड़े स्तर पर बदलाव की घोषणा की है। एयरलाइन का कहना है कि 2026 तक यात्रियों को इन सुधारों का स्पष्ट और सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा। बीते कुछ वर्षों से एअर इंडिया पायलट एवं स्टाफ ट्रेनिंग, नई तकनीक के उपयोग और विमान बेड़े के आधुनिकीकरण पर लगातार काम कर रही है, जिसकी झलक अब यात्रियों को ज़मीनी स्तर पर दिखने लगेगी।

एअर इंडिया अपने क्रू और ग्राउंड स्टाफ की ट्रेनिंग व्यवस्था को और सशक्त बना रही है। इसके तहत कंपनी ने अपनी ट्रेनिंग अकादमी का पुनर्गठन किया है, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में एविएशन प्रोफेशनल्स को प्रशिक्षित किया जा सकेगा। इसका उद्देश्य कर्मचारियों की स्किल और प्रोफेशनलिज्म को बढ़ाकर यात्रियों को अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और उच्च गुणवत्ता वाली सेवा प्रदान करना है।

विमान बेड़े के आधुनिकीकरण के तहत एअर इंडिया अपने बोइंग 787-8 विमानों के रिफिटिंग प्रोग्राम को तेज़ी से आगे बढ़ा रही है। इन विमानों में नई और अधिक आरामदायक सीटें, आधुनिक केबिन इंटीरियर, वाई-फाई सुविधा और उन्नत इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट सिस्टम शामिल किए जा रहे हैं। फिलहाल हर महीने दो से तीन विमानों का अपग्रेड किया जा रहा है। कंपनी का अनुमान है कि 2026 के अंत तक उसके अधिकांश वाइड-बॉडी विमान नए लुक और आधुनिक सुविधाओं के साथ परिचालन में होंगे।

इसके साथ ही 2026 में एअर इंडिया के बेड़े में छह नए वाइड-बॉडी और लगभग 20 नए नैरो-बॉडी विमान शामिल होने की उम्मीद है। बड़ी ऑर्डर बुक की डिलीवरी शुरू होने से 2027–28 के दौरान उड़ान क्षमता और नए रूट्स के विस्तार में और तेजी आने की संभावना है।

अपग्रेडेड विमानों में यात्रा के दौरान यात्रियों को कई बड़े बदलाव महसूस होंगे, जिनमें ज्यादा आरामदायक सीटें, बड़े इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट स्क्रीन, वाई-फाई कनेक्टिविटी, बेहतर केबिन लाइटिंग और उन्नत फूड एवं बेवरेज सर्विस शामिल हैं। मेन्यू में सुधार के साथ वाइन सर्विस को भी नए स्तर पर ले जाया जा रहा है।

एअर इंडिया प्रीमियम इकोनॉमी क्लास को भी अधिक रूट्स पर उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है, ताकि इकोनॉमी और बिजनेस क्लास के बीच यात्रियों को बेहतर विकल्प मिल सके। इसके अलावा, यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एयरलाइन अपने लाउंज नेटवर्क को भी मजबूत कर रही है।

बढ़ती फ्लीट और संचालन को संभालने के लिए एअर इंडिया टैलेंट डेवलपमेंट और मेंटेनेंस इंफ्रास्ट्रक्चर में भी निवेश बढ़ा रही है। अमरावती में स्थापित नया फ्लाइंग स्कूल हर साल लगभग 180 पायलट तैयार करेगा, जबकि बेंगलुरु में एक बड़ा एमआरओ (मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल) सेंटर 2026 के अंत तक शुरू होने की उम्मीद है।

कंपनी का लक्ष्य है कि 2026 तक अंतरराष्ट्रीय रूट्स पर लगभग 80 प्रतिशत और घरेलू रूट्स पर लगभग सभी उड़ानों में यात्रियों को एक नया, आधुनिक और अपग्रेडेड एअर इंडिया अनुभव प्रदान किया जा सके।